जबेरा। आज अक्षय तृतीया के दिन स्वयं सिद्ध शुभ मुहूर्त होता हैं, जिसमें बिना मुहूर्त के विवाह कार्य संपन्न होते है। वहीं इस अक्षय तृतीया पर बुंदेलखंड में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा गुड्डे गुडियों का विवाह भी किया जाता है. और यह प्रथा आज भी जारी है। गुड्डे-गुडियों की शादी के लिए बच्चों में काफी उत्साह होता हैं. और अक्षय तृतीया का इंतजार रहता है। बीजाडोगरी गांव मे लगे वट वृक्ष के नीचे बच्चों ने गुड्डे गुडियों की शादी कर, ग्रामीण अंचलों मे इस त्यौहार को हर्षोल्लास से मनाया। गुड्डे गुडियों की शादी परम्परागत ढंग से की गयी. जिसमें परिजनों ने भी बच्चों का सहयोग कर उनका उत्साह वर्धन किया। अक्षय तृतीया पर्व के कुछ दिनों पहले से बाजार में मिट्टी से बने दुल्हा-दुल्हन बिकने के लिए पहुंच जाते है. जिनका आज विवाह संस्कार बच्चों द्वारा वट वृक्ष को साक्षी मानकर, उसके नीचे रचाया, और वहीं पर घर से बनाकर ले जाये गये पकवानों का आनंद लिया।