मनीष गर्ग खबर नई दिल्ली
चुनाव हलफनामे में शैक्षिक योग्यता के बारे में झूठी जानकारी देना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत ‘भ्रष्ट आचरण’ नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत में कोई भी शैक्षिक योग्यता के आधार पर वोट नहीं देता है और इसलिए चुनाव उम्मीदवार की शैक्षिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी प्रदान करना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123(4) और धारा 123 (2) के तहत ‘भ्रष्ट आचरण’ नहीं कहा जा सकता है। जस्टिस के.एम. जोसेफ और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना पूर्व आईएनवीसी विधायक अनुग्रह नारायण सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि भाजपा उम्मीदवार हर्षवर्धन बाजपेयी द्वारा प्रस्तुत शैक्षिक योग्यता से संबंधित गलत जानकारी मतदाताओं के चुनावी अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं करती है।