गुटके का प्रचार करने वाले अभिनेताओ का सामूहिक रूप से बहिष्कार करे-आंचलिक ख़बरें-भैयालाल धाकड़

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विदिशा //राष्टीय बाल आयोग सरंक्षण के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो नटेरन के दोरे पर रहे जहाँ उन्होंने सरस्वती तक्षशिला नालंदा एकेडमी नटेरन और श्री नरेंद्र मोदी शिवराज मामा स्कूल के भूमि पूजन किया आपने कहा की हमे बच्चो को नशे की बुराई से बचाने के लिए संकल्प लेना चाहिए की हम बच्चो के सामने नशा न करे दूसरा स्कूल के आसपास नशे की दुकान न खुलने दे साथ ही आपने अभिनेताओ द्वारा गुटखे का प्रचार करने पर अभिनेताओ पर आरोप लगाते हुए कहा की जो लोग हमारे बच्चो को गुटखा खाना सिखा रहे है ऐसे अजय देवगन, शाहरुख खान का हमे मिलकर सामाजिक रूप से बहिष्कार करना चाहिए वही पूर्व विधायक रुद्र प्रताप सिंह ने कहा की आज हमे देश की ऐसी सख्सियत से मिलना हुआ जिनकी नियुक्ति स्वयं प्रधानमंत्री जी करते है बाल आयोग जिस तरह से पूरे देश मे काम कर रहा है वह तारीफ योग्य है हम नशा मुक्ति अभियान को लेकर काम करेगे वही पुरानी यादे ताजा करते हुए कहा की जब बचपन बचाओ आंदोलन में हम नोबल पुरुस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जी से मिलते थे छात्र राजनीति से दद्दा को देखा है उन्हीं के पद चिन्हों पर हमारे प्रियंक भाई चल रहे और हम भी समाज को नशा मुक्त करने का प्रयास करेंगे वही कवि सम्मेलन मे सम्मलित कवियो ने भी शानदार प्रस्तुतियां दी कवि कमलेश बंशल गीतकार ने करूं कैसे बंदना में देश के विधान की कहानी सुनाता हूं अब मैं किसान की प्रस्तुति ने सबका दिल जीत लिया हास्य कवि नीलेश चतुर्वेदी धांसू ने कहा की भारत का दबदबा हर देश पर भारी है भारत का हर माल सरकारी है,आतंकी भेड़ियों हमारे देश की तरफ सर उठा कर मत देखना क्योंकि हमारे तिरंगे की तो सारी दुनिया पुजारी हैं वीर रस कवि आशीष दुबे ने कहा की जो दिल से निकलती है वही दिलों तक जाती हैं
नदियां खुद ब खुद समुंदर में समा जाती हैं बताया है हमें हमारे बुजुर्गों ने जो राह है कांटो भरी हो वही मंजिलों तक जाती हैं
अग्नि दूत संचालक कवि योगेन्द्र सिंह ने कहा की
याद करो उन वीरों को जो स्वाभिमान बढा कर चले गए ।
अपनी भुजाओं से सीमा पर तिरंगा लहराते चले गए
वर्दी पहनी जब-जब सिंह गर्जना सुनाते चले गए ।सत्ताई गिरी कितनी भी नीचे पर वो तिरंगा उठाते चले गए
निखिल कवि भोपाल ने ये जो हँसमुख सा चहरा बनाता हूं मैं,
जाने कितनों को पागल बनाता हूं मैं। मेरी आखों से गिरते हैं अश्क मगर, जाने कितनों को पानी बताता हूं मैं।.
-ध्रुव शर्मा ‘बेचैन’ ने सुबह श्रेष्ठ है काशी की आनंद अबध की शाम आदर्शों की दिव्य – ज्योति में पुलकित चारों धाम हृदय अभिलाषित होकर त्यागे चित्त में बैठा काम भारत भाग्य विधाता जग में उसके कारण श्री राम
शुभंम रघुवंशी भोला ओज कवि ने ना किसी इंसान को भगवान लिखता हूँ ना अल्लाह अकबर कोई महान लिखता हूं
इश्वर है अगर कोई मेरा तो सरहद पर खडे़ जवान लिखता हूं
और तुम पूछो मजहब तो केवल हिंदुस्तान लिखता हूं
हास्य कविता नीलेश चतुर्वेदी धांसू
कर चले सारा हलुआ खतम साथियों,,अब तुम्हारे हवाले बर्तन साथियों
इस अवसर पर भाजपा नेता राम मोहन बघेल मंडल अध्यक्ष सचिन तिवारी, महामंत्री संजय चोकसे स्कूल संचालक गौरव सक्सेना, राहुल दुबे, रूपेश नेमा, अनुभव कटारे, नीलेश रघुवंशी, राहुल जैन गणेश राम कुशवाह , नरेश सेन समेत कई लोग उपस्थित रहे।।

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