आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ की पीड़ा आखिर कब सुनेंगे मुख्यमंत्री-आँचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर

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ज्ञापन देते देते थक चुके हैं

शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं को हम पहुंचाते हैं घर घर

शुक्रवार को दोपहर चिलचिलाती धूप में, सैकड़ों आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर, अपनी मांगों के लिए आवाज उठाई। कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी पीड़ा बताते बताते ही, रोने लग गई, उनका कहना है, हमारी कोई नहीं सुनता, हमारा शोषण हो रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है, सरकार की बहुत सारी महत्वकांक्षी योजनाओं टीकाकरण, पल्स पोलियो की ड्राप, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र का पंजीकरण, मतदाता सूची का सर्वे ऐसे और भी सरकार के कार्य, जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को करने के लिए दिए जाते हैं, और उसी के साथ हमें आंगनवाड़ी को भी निरंतर संचालित करना पड़ता है, बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ पोषण आहार देना, गर्भवती महिलाओं को पोषाहार तथा आयरन की गोली वितरित करने जैसे, अनेक कार्य को हम आंगनवाड़ी की बहने करती आ रही है, जबकि सरकारी अर्द्ध सरकारी या गैर सरकारी कर्मचारियों को काम का इतना बोझ नहीं दिया जाता है, कोरोना काल में भी हम आंगनवाड़ी की बहने कोरोना से लड़ने के लिए, प्रथम लाइन में खड़े सरकारी अथवा अर्ध सरकारी कर्मचारियों के कंधे से कंधा मिलाकर, अपनी जान की परवाह किए बगैर, कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर रही हैं।

 

मुख्यमंत्री महिलाओं के उत्थान आत्मनिर्भर बनने के लिए, एक से एक योजनाएं ला रहे हैं, लेकिन हम आंगनवाड़ी में कार्यरत बहनों को इन सभी योजनाओं से दरकिनार कर, अपेक्षित किया जा रहा है. हमारी बुनियादी सुविधाओं से संबंधित कुछ मांगे हैं, जो इस प्रकार हैं, आंगनवाड़ी में कार्यरत बहनों को सरकारी कर्मचारी घोषित करें, सामाजिक सुरक्षा दी जाए, तथा उन्हें उचित श्रेणी में शामिल किया जाए। नहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी स्कूल में बदलने पर, उसमें कार्यरत कार्यकर्ताओं को प्री प्राइमरी और सहायिका को, प्री प्राइमरी असिस्टेंट टीचर मैं शिक्षण के अनुभव पर उनकी शैक्षणिक योग्यता अनुसार, प्रशिक्षण देकर पदोन्नत किया जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं की बढ़ी हुई पहचान राशि, 1500रू. की कटौती विगत शासनकाल में कर दी गई थी, जो अब तक निरंतर जारी है। अतः आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं की बढ़ी हुई पहचान राशि का, शीघ्र भुगतान कराया जाए। मध्य प्रदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं मिनी कार्यकर्ताओं की सेवानिवृत्ति पर, उन्हें कमर्शियल 1 लाख, 75 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाने की घोषणा की गई थी। किंतु सेवानिवृत्त होने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं की राशि प्रदान नहीं की जा रही है। मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों में मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं, उन्हें जनसंख्या के आधार पर पूर्ण आंगनवाड़ी केंद्र में परिवर्तित करते हुए, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनाया जावे, और सहायिका की नियुक्ति की जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पास विभागीय कार्यों का अत्यधिक बहुत पहले से ही है, अतः आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी अन्य कार्य में ना लगाई जाए, इस संदर्भ में प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा, समस्त कलेक्टर्स को लेख पत्र क्रमांक 4107 (A)319/2019/50-2
(AN) दिनांक 18 11 2019 का पालन कराया जाए। हाल ही में बदनावर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कोवीड टीकाकरण करवाने, ग्रामीणों को बुलाने गई थी, उस पर जानलेवा हमला किया, और मारपीट की गई। हमरी उस बहन को न्याय दिया जावे। और हमें सुरक्षा प्रदान की जाए। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने से नेटवर्क की परेशानी होने के कारण पोषण ट्रैकर एप बंद कर दिया जाए।

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