तेल एक ब्रांड अनेक, बड़ा खेल, प्रशासन को जानकारी तक नही-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग

News Desk
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मैहर में इन दिनों खाने वाली तेल की बड़ी कम्पनी पैर पसार रही है , तेल टैंकर से आता है, लेकिन ब्रांड का लेबल यहां लगाया जाता है , तेल एक, ब्रांड अनेक बड़ा खेल प्रशासन को जानकारी तक नही।

 

मैहर के सतना रोड़ पर, गुंडई के दम पर खुलेआम प्रशासन के नाक के नीचे, बिना ब्रांड वाले रिफाइंड तेल को टैंकर के माध्यम से यूपी से लाया जाता है, वही सूत्रों की माने तो तेल टैंकर से तो लेकर बड़ी बड़ी तीन टंकियों में भरकर, स्टॉक रखा जाता है, और उसी तेल की तंकियो से छोटे बड़े पुराने डिब्बो में तेल को भरा जाता है, और स्टीकर लगाकर ब्रांड का नाम दे दिया जाता है, और बाजार में ऑटो के माध्यम से थोक व फुटकर व्यपारियो के यहां पहुचाया जाता है, यही नही गाड़ी से माल ले जाने वाला भी मालिक का खास व्यक्ति रहता है।
जबकि लाया गया टैंकर का तेल की, गुडवत्ता को स्थानीय प्रशासन व खाद्य विभाग द्वारा, जांच के बाद
ही पैकिंग होना चाहिए, उसके बाद रजिस्ट्रेशन हुए, नाम का मोनो वाला ही स्टीकर लगाकर, बाजार में बेचना चाहिए, और उपयोग करना चाहिए, लेकिन इस टैंकर वाली तेल तो एक ही टैंकर से आया, तेल लेकिन ब्राण्ड अनेक स्टिकर चिपका कर भोलेभाले जनता को चूस रहे है, यही नही खाने पर ये तेल कितना उपयोगी है, और लोगो को फायदा देता है, इसकी गारन्टी लेने वाला कोई नही, क्योंकि तेल की गुडवत्ता देखने वाले, शायद कोई नही या मील जुलकर है, या तो किसी को जानकारी नही, वैसे सूत्र तो यह भी दवा करते है कि, इंसानों की खाने की चीजों पर खाद्य विभाग जांच के बाद भी लीपा पोती कर, ज्यादातर जांच भी व्यपारियो की तरफ ही होता है, वैसे आपको बता दे कि, सैकड़ो टिन तेल प्रति दिन क्षेत्र में तेल भेजा जा रहा है, ब्रांड का नाम भी गजब, जगमणि, कोल्हू, फूल, उसके अलावा भी फुटकर बेचने वाले, व्यपारियो के डिमांड पर भी किसी भी ब्राण्ड वाली तेल की डिब्बा पर स्टिकर चिपका कर, व्यपारियो को डिमांड पूरा करते है। ये कमाई के लालच में जनता को चिपका देते है, और कमाई के लालच में जिंदगी से खिलवाड़ भी कर रहे है।

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