जिला कटनी – कलेक्टर अवि प्रसाद के संज्ञान में यह बात आई है कि न्यायालयीन प्रकरणों में नामांतरण आदेश पारित होने के उपरांत भी राजस्व अभिलेखों में अमल नहीं किया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा निहित प्रावधानानुसार पारित आदेश को कम्प्यूटराइज्ड अभिलेख में 07 दिवस में दुरुस्त किया जाना आवश्यक है।
म0प्र0 भू-राजस्व संहिता (भू-अभिलेखों के नामांतरण) नियम 2018 (धारा 109, 110 के अधीन निर्मित) की कंडिका 08 में निहित प्रावधानानुसार ( 1 ) तहसीलदार धारा 110 की उपधारा (4) के अधीन आदेश पारित होने के पश्चात पारित किये गये आदेश तथा अद्यतन भू-अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपियों, को
धारा 110 की उपधारा (5) के अधीन यथा उपबंधित निःशुल्क प्रदाय करने हेतु तिथि नियत करेगा। जो तीस दिवस से अधिक की नहीं होगी।
अतः कलेक्टर श्री प्रसाद के द्वारा जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी ,तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को पत्र के माध्यम से राजस्व अभिलेखों में समय-सीमा में आदेश पारित होने के उपरांत अमल करने हेतु निर्देशित किया गया है।
राजस्व अधिकारियों द्वारा कृत कार्यवाही हेतु दी गई अवधि समाप्त होने से कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा निराकृत प्रकरणों के अमल की रेंडम जाँच करने का निर्णय लिया है।
ई-गवर्नेस मैनेजर प्रत्येक दिन निराकृत नामांतरण के 10 प्रकरणों जिनकी अपील लंबित नहीं है का रेण्डम चयन कर उनकी नस्ती व रिकार्ड कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। यदि किसी प्रकरण में बिना किसी संतोषजनक कारण के प्रकरण में आदेश उपरांत अमल लंबित रखा गया है तो संबंधित पीठासीन अधिकारी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी व गोपनीय चरित्रावली में प्रतिकूल टीप अंकित की जाएगी।
आर सी एम् एस से चयनित प्रकरणों पर परीक्षण टीप व रिकार्ड प्राप्त हेतु कार्यवाही भू-अभिलेख शाखा द्वारा की जावेगी