सतना में खाद की कालाबाजारी की कहानी पर गम्भीर हुए कलेक्टर अनुराग वर्मा ने ली मार्कफेड के अधिकारी की क्लास। जिला विपणन अधिकारी ने गुमराह करने वाली सफाई दी लेकिन डीडीए की जांच रिपोर्ट खोल रही थी चिट्ठा। मार्कफेड को दूध का धुला बताने के चक्कर मे जिला विपणन अधिकारी ने बताया कि वे गोदाम और समिति को बस देते खाद। लेकिन कलेक्टर ने पकड़ ली थी चोरी। बड़ा सवाल ये उठा कि सामान्य समिति सीमित क्षेत्र के लिए होती। फिर 2-4 गांव की सीमा वाली समिति को मार्कफेड 70-80 ट्रक खाद कैसे देता रहा।जबकि की समिति क्षेत्राधिकार में इतनी खाद खपत के लिए किसान ही नही है। बहरहाल कलेक्टर ने खाद के खेल पर कील ठोंकनी शुरू कर दी है। जल्द ही नतीजे सामने होंगे। मार्कफेड में हड़कम्प मचा है