भूख प्यास से गोवंश की तड़प तड़प कर हुई मौत गौशाला में पसरा सन्नाटा-आंचलिक ख़बरें-अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

News Desk
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लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी गौशाला में नजर नहीं आ रहा गोवंश

चित्रकूट।उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा भले ही गौवंश को बेहतर रहने एवं खाने की व्यवस्था के लिए लाखों रुपए की राशि ग्राम पंचायत में गौशाला के नाम पर दी गई हो और ग्राम पंचायत गौशाला में गोवंश के लिए खर्च कर रहा हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रहा है। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी गौशाला में गोवंश नजर नहीं आ रहे आप देख सकते हैं। कि आखिर गौशाला में गोवंश के लिए जो लाखों रुपए की राशि खर्च की जा रही है वह आखिर जाती है तो जाती कहां है क्योंकि गौशाला में तो सन्नाटा पसरा हुआ है। अब आपके दिमाग में सवाल आता होगा कि आखिर यह गौशाला में राशि जो गोवंश के खाना पानी के लिए निकाली जा रही है तो वह है बिना जांच किए कैसे निकाली जा रही है। तो आपको बता दें कि यह राशि जिले के प्रधान सचिव से लेकर जिले के सभी उच्च अधिकारियों को गोवंश के नाम पर जो लाखों रुपए की राशि का ग्राम पंचायतों में वारा न्यारा किया जाता है उसमें खुशियां ना तौर पर चढ़ाई चढ़ाई जा रही है और यही वजह है कि गोवंश भूख प्यास की वजह से तड़प तड़प कर अपनी जान गवा रहे हैं। सारा मामला चित्रकूट जिला के कर्वी विकासखंड के ग्राम पंचायत अकबरपुर का है। जहां ग्राम पंचायतों में गौशाला बनाने के नाम पर लाखों रुपए की राशि खर्च की गई है और गोवंश के खाने पीने के लिए हजारों रुपए का भूसा खरीदा गया है लेकिन यह भूसा सिर्फ कागजों पर ही खरीदा गया है और कागजों तक ही गौवंश को खाना पानी दिया गया है। आज भी गोवंश भूख प्यास से तड़प तड़प कर अपनी जान गवा रहे हैं चित्रकूट की गली चौराहे व उन सभी स्थानों पर गोवंश को आप देख सकते हैं जो खुलेआम घूमते नजर आ रहे हैं। वर्तमान समय में कर्वी विकासखंड के ग्राम पंचायतों के गौशाला में सन्नाटा पसरा हुआ है एक भी गोवंश नजर नहीं आ रहा है लेकिन लाखों रुपए ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव के द्वारा भूसा खरीदी हुआ गौ सेवा के लिए खर्च कर सरकारी धन का गबन किया जा रहा है। जबकि गौशाला में एक भी गोवंश नजर नहीं आ रहे हैं।WhatsApp Image 2022 04 27 at 5.58.49 PM 1

गौशाला में पसरा सन्नाटा ग्रामीणों ने कहा लगातार गोवंश भूख प्यास से दे रहे जान- ग्रामीणों ने कहा कि कर्वी विकासखंड के ग्राम पंचायतों में बने गौशाला व रहने वाले गोवंश की स्थिति का जायजा अधिकारियों के द्वारा नहीं लिया गया है। और यही वजह है कि गौशाला में अंधेरगर्दी दी चल रही है। वैसे तो गौशाला में सैकड़ों की संख्या में ग्राम प्रधान व ग्राम सचिवों के द्वारा वंश के रहने की प्रशासन को जानकारी भेजी जा रही है लेकिन जमीनी हकीकत क्या है यह ग्राम पंचायतों में भले गौशाला का वास्तविक निरीक्षण करने के बाद ही देखा जा सकता है जहां गौशाला में सन्नाटा पसरा हुआ है और बेजुबान गोवंश भूख प्यास की वजह से गर्मी के मौसम में तड़प तड़प कर जान गवा रहे हैं।

ग्राम प्रधान व सचिव के ऊपर होती कार्रवाई तो गोवंश की भूख प्यास से नहीं होती मौत- ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायतों में गौशाला तो शासन के द्वारा बनवा दिए गए हैं गौशाला बनाने के नाम पर जहां ग्राम पंचायत की राशि का जमकर दुरुपयोग किया गया है और गौशाला की राशि का बंदरबांट किया गया है तो वहीं दूसरी तरफ गोवंश के खाने के लिए लाखों रुपए के भूसे भी ग्राम पंचायतो में खरीदी की गई है लेकिन जब गौशाला में गोवंश ही नहीं है तो आखिर यह भूसा ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव के द्वारा किस को दे दिया गया है इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भूसे की खरीदी सिर्फ कागज पर की गई है और ग्राम प्रधान व सचिव के द्वारा सरकारी राशि का बंदरबांट किया गया है। यदि जिले के जिम्मेदार अधिकारी ग्राम पंचायतों में बने गौशाला का वास्तविक रूप से निरीक्षण किए होते तो आज गौशाला में गौ वंश नजर आता और भूख प्यास से गोवंश ओं की तड़प-तड़प कर मौत ना होती वहीं अब देखना यह है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा गोवंश की सुरक्षा के लिए जो नियम बनाए गए हैं वह गोवंश की जान बचाने में कब साकार साबित होंगे या फिर भूख प्यास से इसी तरह गोवंश हो कि तड़प-तड़प कर मौत होती रहेगी और ग्राम पंचायत अधिकारी व प्रधान के द्वारा गोवंश के खाने पीने के नाम पर लाखों रुपए की राशि बंदरबांट की जाती रहेगी।

कर्वी खंड विकास अधिकारी से फोन पर बात कर जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो खंड विकास अधिकारी के द्वारा अपना फोन रिसीव करना अपनी जिम्मेदारी नहीं समझी गई जिससे स्पष्ट होता है कि किस स्तर पर खंड विकास अधिकारी के द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है और यही वजह है कि अब ग्राम पंचायतों में गोवंश भूख प्यास की वजह से अपनी जान गवा रहे हैं क्योंकि गोवंश की सुध ले तो ले कौन।

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