मंगल पांडे जी के बलिदान दिवस पर आयोजित की गई विचार गोष्ठी
अंचलिक खबरे
सुधीर अवस्थी हरदोई
सामाजिक संस्था श्रेया बाल विकास एवं महिला सेवा संस्थान कार्यालय पर 1857 की क्रांति के जनक मंगल पांडे जी के बलिदान दिवस के अवसर पर पुष्पांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कृष्ण मुरारी पांडेय द्वारा मंगल पांडे जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि मंगल पांडे जी को 1857 की क्रांति का जनक कहा जाता है मंगल पांडे को स्थानीय जल्लादों ने फांसी देने से मना कर दिया था इसके बाद कोलकाता से चार जल्लादों को बुलाकर इस फौजी को फांसी दी गई थी मंगल पांडे ने फांसी से पहले खुद की जान लेने की कोशिश की थी परंतु वह नाकामयाब रहे, लेकिन वह पूरी तरह से जख्मी भी हो गए थे।
श्रेया बाल विकास एवं महिला सेवा संस्थान के सचिव मनोज मिश्रा द्वारा कहा गया कि मंगल पांडे जी एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने 1857 में भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, भारत के स्वाधीनता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में सन 1984 में एक डाक टिकट जारी किया गया।
भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष आदर्श सिंह द्वारा कहा गया कि आजादी की लड़ाई के अग्रदूत कहे जाने वाले मंगल पांडे का जन्म 30 जनवरी 1831 को बलिया जिले के नगवा गांव में हुआ था उनके पिता जी का नाम “दिवाकर पांडे” एवं उनकी माता जी का नाम श्रीमती “अभय रानी” था उनका जन्म एक सामान्य ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बाल्यावस्था में मंगल पांडे की रुचि शिक्षा की अपेक्षा खेलकूद व वीरता वाले कार्यों में थी उनमें व्यवहारिक बुद्धि ज्यादा थी उनके अंदर साहस और वीरता की प्रतिभा कूट-कूट कर भरी हुई थी।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रदीप अवस्थी, सत्यनारायण मिश्रा, मोहित शुक्ला, चंद्र प्रकाश मिश्रा,सागर पांडेय, विपुल मिश्रा, दुर्गेश पांडेय, गौरव गुप्ता, विश्वनाथ मिश्रा, शुभम पांडेय, धर्मेंद्र मिश्रा पिंकू पंडित,अर्जुन उपस्थित रहे
मंगल पांडे जी के बलिदान दिवस पर आयोजित की गई विचार गोष्ठी
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