डीएफओ,एसडीओ व उंचेहरा रेंजर मामले को रफा-दफा करने के फिरॉक में
वन विभाग द्वारा फर्जी रिपोर्ट भेजने की चल रही तैयारी
उचेहरा वन परिक्षेत्र अंन्तर्गत विगत दिनों आग लगने से लाखों पेड़ जलकर खाक हो गये, वन विभाग द्वारा इस मामले को रफा-दफा करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। लेकिन मामला मुख्य वन संरक्षक पास पहुंचने के बाद यह कयास लगाये जा रहे हैं कि वरिष्ठ कार्यालय द्वारा दागी रेंजर रामनरेश साकेत सहित अन्य कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार उंचेहरा रेंजर अपने आपको बचाने के लिए डीएफओ सतना की शरण में पहुंच गये हैं। सोमवार को वन मंडल कार्यालय सतना आकर उंचेहरा रेंजर अपने आपको बचाने के लिए गिड़गिड़ाते देखे गये।
रंेजर के साथ काशी बाबू भी मामले में निभा रहा है सक्रियता
27 अप्रैल को सेटेलाइट से प्राप्त अग्नि सूचना के आधार पर वन परिक्षेत्र उचेहरा के कक्ष क्रमांक 414, 415, 416 417, 424, 466, 467, 389 व अन्य में भीषण आग लगने के कारण वन संपदा को भारी नुकसान हुआ है साथ ही तेंदूपत्ता पूरी तरह से नष्ट हो चुका है बीट रारघाट के अंतर्गत ग्रीन इंडिया मिशन के तहत पी 0 ,466 में वर्ष 18 में रोपित 50 हेक्टेयर में 51000 पौधे एवं इसमें रोपित 50 हेक्टेयर रकवा में 50000 पौधे पूरी तरह से जलकर खाक हो चुके हैं इसके पूर्व भी बीट पनिहाई लहंगी पटिहट लालघाट उरई चूहा में भीषण आग जंगलों में लग चुकी है जिसमें पी 468 में रोपित तेंदूपत्ता वृक्षारोपण 150 हेक्टेयर रकबा में से 30 हेक्टेयर जिसमें 17550 पौधे रोपित थे जो इस आग में जलकर खाक हो गया बीट धनिया महाराजपुर,काछीवारी,परमानिया वीटों में लगभग 50 प्रतिशत जंगल आग की चपेट में अभी तक आ चुके है। वन मंडल कार्यालय मे ंपदस्थ काशी बाबू के द्वारा भी इस मामले में काफी सक्रियता दिखा रहे हैं।
खबर छपने के बाद बौखलाये डीएफओ
उंचेहरा वन परिक्षेत्र में लगी आग के मामले को शोसल मीडिया व कुछ अखबारों द्वारा प्रमुखता से उठाये जाने के बाद सतना वन मंडल डीएफओ विपिन पटेल बौखला गये। इतना ही नहीं डीएफओ मीडिया कर्मियों के वॉटशॉप नम्बर में अनरगल मैसेज भेजने लगे। अब सवाल यह उठता है कि क्या डीएफओ को किसी मीडिया कर्मी के वाटशाप नम्बर में ऐसे मैसेज भेजना एक आईएफएस ऑफीसर को क्या सोभा देता है? अनरगल मैसेज भेजने की शिकायत मीडियाकर्मी जिला कलेक्टर व प्रेस टेस्ट ऑफ इंडिया से करेगें।