दीपक कुमार
शामली। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार जारी मूसलाधार वर्षा के कारण हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में शनिवार को अधिकतम 3.29 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया। इस वर्ष का यह अब तक का सर्वाधिक डिस्चार्ज है, जिससे जनपद शामली में यमुना नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुँच गया है और खादर क्षेत्र के किसानों में चिंता की लहर दौड़ गई है।
बाढ़ की आशंका और प्रशासनिक तैयारियाँ
इस संभावित संकट को देखते हुए जिला प्रशासन ने तत्काल हाई अलर्ट जारी किया है। तहसीलदार कैराना श्री अर्जुन चौहान ने बताया कि क्षेत्र की सभी बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है और निगरानी बढ़ा दी गई है। साथ ही, नदी तट के निकटवर्ती क्षेत्रों के निवासियों को सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से यमुना तट के समीप न जाने की सलाह दी गई है।
कृषि क्षेत्र पर संभावित प्रभाव
वर्ष 2023 की स्मृतियाँ अभी ताजा हैं, जब सहपत क्षेत्र में यमुना तटबंध के टूटने से सैकड़ों किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई थीं। इस वर्ष भी खादर क्षेत्र के किसानों को अपनी फसलों के बारे में गंभीर चिंता सता रही है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि किसी भी प्रकार की विषम परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयारी की गई है।
तकनीकी निगरानी और भविष्य की योजना
ड्रेनेज विभाग के समन्वय से नदी के जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है। प्रातः 8 बजे 3,11,032 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद से स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं। प्रशासन का कहना है कि वह पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए किसी भी संभावित नुकसान को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।
सतर्कता और सहयोग की आवश्यकता
यह स्थिति न केवल प्रशासनिक तैयारी की परीक्षा है, बल्कि स्थानीय समुदाय की सतर्कता और सहयोग की भी माँग करती है। आपदा प्रबंधन की दृष्टि से यह आवश्यक है कि सभी हितधारक मिलकर काम करें और किसी भी संभावित क्षति को न्यूनतम रखने का प्रयास करें। प्रशासन की ओर से जारी निरंतर अपडेट और सलाह का पालन करना इस समय अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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