छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेता व उनके परिवार का आतंक और गुंडागर्दी इतनी बढ़ी हुई है कि वह किसी की जान लेने से भी नहीं डरते

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By News Desk
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दीपक विश्वकर्मा

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेता व उनके परिवार का आतंक और गुंडागर्दी इतनी बढ़ी हुई है कि वह जान से मारने से भी नहीं डर रहे हैं…. अंधेर गर्दी वा पूरा गुंडागर्दी ब्याप्त है…😡

यह मामला कोरिया जिले के जनकपुर की है जिसमें कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह के बेटे द्वारा बेरहमी से सुमित शर्मा नामक युवक को राड और डंडे से मारा गया जिससे सुमित गंभीर रूप से घायल हो गया…,!

सुमित स्थानीय थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गया तब कांग्रेसी नेता के भय के कारण थाना प्रभारी ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया…!

यह वही कांग्रेस नेता के पुत्र हैं जिनके दबाव के कारण 2022 में पंचायत सचिव ने सुसाइड कर लिया था और अभी वह कांग्रेस नेता जमानत पर घूम रहे हैं..!!

उनके पुत्र द्वारा इस तरह का डरावना कृत्य करना कहीं ना कहीं यह दर्शाता है कि किस तरह सत्ता के नशे में चूर होकर कानून का कोई डर भय नहीं होने के कारण से के ही हुआ है..
जो इस बात का प्रमाण है प्रदेश में कानून व्यवस्था कितनी लचर है..
अपराधी खुले आम घूमते है मानो कानून उनके हाथ की कठपुतली है..आखिर क्यों लोग कानून का मजाक बना रहे है ?
क्यों कानून से उन्हें डर नहीं लगता..?
भरतपुर क्षेत्र में लगातार बढ़ रही घटना कानून और पुलिस प्रशासन के कार्य पर जनता को सवाल उठाने पर मजबूर कर रही है..!!
खैर..!
अभी बात हम उस युवक की कर रहे है जिसके कारण सुमित शर्मा की मौत हुई है
पिता के कारण एक व्यक्ति सुसाइड कर लेता है अब इस कार्य को बढ़ाने का कार्य उनके सुपुत्र शैलेंद्र सिंह उर्फ छोटू कर रहे है..!
घटना 26 मार्च का है उस दिन दो युवक आपस में लड़ रहे थे वहीं पास में ही सुमित शर्मा खड़ा था और वहां आकर शैलेंद्र सिंह छोटू ने राड और डंडे से सुमित के ऊपर वार की और सुमित गंभीर रूप से घायल हो गया उसके पश्चात युवक जनकपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए गया पर थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं किया गया.उसको थाने से ही खून में लथपथ बैरन लौटना पड़ा..
आखिर क्या गुनाह था सुमित का,किस बात की उसे सजा मिली और जनकपुर थाने में उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई..
उसके बाद युवक इलाज के लिए अस्पताल गया अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद उसे मध्य प्रदेश के शहडोल जिला अस्पताल के लिए रिफर कर दिया गया वहां इलाज चल ही रहा था कि सिर में चोट होने और अधिक खून बह जाने के कारण 2 अप्रैल को सुमित की मृत्यु हो गई, उसके बाद शहडोल थाने में एफ आई आर की गई है..!!

इन सब बातो पर अगर गौर किया जाए तो एक ही बात समझ में आती है की पुलिस प्रशासन निष्क्रिय है..!!

वाह रे छत्तीसगढ़ की पुलिस प्रशासन इतना डर की न्याय करने से भी हाथ काप रहे है ,ऐसी ही लचर कानून व्यवस्था रही तब तो अपराध बढ़ना तय ही है वैसे भी कहावत है “सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का”

सुमित शर्मा की मौत का जिम्मेदार आखिर कौन..?
वह व्यक्ति जिसने उस पर ताबड़तोड़ हमला किया या फिर वो जिसने डर के कारण एफआईआर दर्ज नहीं किया…?

जो भी है सुमित शर्मा को न्याय चाहिए ..?
आम आदमी पार्टी का हर सदस्य सुमित शर्मा के हत्यारों के खिलाफ आवाज बुलंद करेगा
और ये आवाज तब तक उठेगा जब तक सुमित शर्मा के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो जाती है और सुमित शर्मा की आत्मा को शांति नहीं मिल जाती..!!
“हर जोर जुलम के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है”

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