श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य पंडित बद्री विशाल ओझा जी ने मुक्ति के मार्ग को बताया

Aanchalik Khabre
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श्रीमद्भागवत

नसीराबाद, रायबरेली में श्रीमद्भागवत कथा के दौरान महापुरुषों की चरण धूलि से मुक्ति के उपदेश, कथा वाचक ने सुनाया रोचक प्रसंग

नसीराबाद, नसीराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम कुकहा में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन सुविख्यात कथावाचक पूज्य आचार्य पंडित बद्री विशाल ओझा जी ने सिन्धु नरेश की मुक्ति,सती प्रसंग, ध्रुव चरित्र, ऋषभ देव के चरित्र और पंच कन्याओं में द्रौपदी की गणना और अश्वत्थामा के ब्रह्मास्त्र प्रहार से श्रीकृष्ण भगवान के भांजे अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहे शिशु परीक्षित की रक्षा का रोचक प्रसंग प्रस्तुत किया।
विद्वान कथा वाचक ने कहा कि महापापी अजामिल अपने ही पुत्र नारायण का नाम बार बार लेने के कारण भवसागर से मुक्त हो गया। उन्होंने बताया कि भगवान ने कलयुग को रहने के लिए जुआ, मदिरालय, स्त्री और स्वर्ण चार स्थान बताए। पापों से बचने और किए गए पापों से मुक्ति के लिए प्रभु का नाम जपना ही एकमात्र उपाय है। कहा गया है कि राम से बड़ा राम का नाम।
मुख्य यजमान हरि बख़्श सिंह भदौरिया ने परिवार और सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ कथामृत का पान किया। आरती और प्रसाद वितरण के उपरान्त दूसरे दिन की कथा विश्राम तक पहुंची।

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