चित्रकूट।गाँव की सांस्कृतिक धरोहर की सूचना को अब मोबाइल में कैद किया जायेगा, जिसके लिये भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय और सीएससी के मध्य पिछले दिनों अनुबन्ध किया जा चुका है। जनपद चित्रकूट में इस योजना का ट्रायल भी किया जा चुका है। पाईलेट सर्वे के दौरान जिले के कुछ पंचायतो में सीएससी कर्मी के द्वारा सर्वे का कार्य किया भी जा चुका है।जनपद के सभी गाँवों की सांस्कृतिक सूचना विशेष मोबाईल ऐप के जरिये एकत्र करने का काम कॉमन सर्विस सेंटर संचालकों द्वारा सर्वे कर किया जाना है। जिसके क्रम में ब्लाक स्तर पर कर्वी विकास खंड के सीएससी संचालको का प्रशिक्षण आज कराया गया। जिसके बाद संचालको द्वारा इस कार्य किया जाना है। यह कार्य देश में पहली बार किया जा रहा है जिसको भारत सरकार द्वारा मेरा गाँव मेरी धरोहर नाम दिया गया है। इस योजना के तहत जिला चित्रकूट के ब्लाक कर्वी के संचालको को ट्रेनिंग करायी गयी। जिसमे कुल 30 संचालक मौजूद रहे। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत सीएससी कॉमन सर्विस सेंटर और केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के साझा सहयोग से पहली बार यह कार्य किया जा रहा है, जिसको मेरा गाँव मेरी धरोहर नाम दिया गया है। शब्द से सीधा आशय है कि गाँव की विरासत इस सर्वे के दौरान नौ विशेष बातों को दर्ज किया जाना है।जिसमें गाव कि खास पहचान क्या है, गाँव कि खास सांस्कृतिक पहचान, गाव के प्रसिद्ध स्थान, प्रसिद्ध किवदंती, प्रसिद्ध व्यक्ति, विशेष पकवान, विशेष आभूषण, विशेष कपडे आदि के बारे में जानकारी दर्ज कि जानी है। इन सभी से सम्बंधित जानकारी, फोटो, विडियो आदि चीजे ऐप पर दर्ज कि जाएगी। जिला समन्वयक बदरुद्दीन खान ने बताया कि मेरा गाँव मेरी धरोहर के तहत आम व्यक्ति ग्राम के पुराने धरोहरों के बारे में नही जानते है अथवा पुराने धरोहर व इमारत, धार्मिक स्थल विलुप्त होने के कगार में है। उन सारे स्थलों चीजो, कलाकारी आदि का संयोजन इस एप में किया जाएगा। जिसको एक क्लिक से सारी जानकारी ले कर उनको देख सकते है। इस अवसर पर जिला प्रबन्धक अतुल व मनीष कुमार ने बताया कि जनपद के हर ग्राम पंचायत व ग्रामों में इस योजना के अंतर्गत सर्वे किया जाना है। जिसमें उसी ग्राम के सम्बन्धित डीजिटल सेवा केंद्र संचालक द्वारा सर्वे किया जाना है, इस कार्य को जनपद में जल्द आरम्भ किया जाएगा।
ब्यूरो रिपोर्ट अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
जनपद चित्रकूट