झाबुआ , मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार आज दिनांक 1 दिसम्बर- 2022 को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जिला जेल झाबुआ में जेल में निरूद्ध बंदियोंके लिए एचआईवी स्क्रीनिंग कराये जाने हेतु विशेष स्वास्थ्य परीक्षण शिविरके साथ विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश झाबुआ मोहम्मद सैय्यदुल अबरार के मार्गदर्शन एवं जिला न्यायाधीश एवं सचिव लीलाधर सोलंकी की अध्यक्षता एवं जिला चिकित्सालय झाबुआ के सहयोग से किया गया।शिविर में लीलाधर सोलंकी ने बंदियों को संबोधित करते हुये कहा कि एड्स रोगी को सतर्कता रखना अनिवार्य है। एड्स रोगी भी मधुमेह रोगी की तरह सामान्य लंबा जीवन जी सकता है। एचआईवी से बचने के लिए अपने साथी के साथ वफादारी रखकर, यौन संबंध के दौरान निरोध का इस्तेमाल, केवल लाईसेंस प्राप्त रक्त बैंक से जांच किये गए खून का इस्तेमाल, हर बार नई सीरिंज का इस्तेमाल और गर्भावस्था के दौरान एचआईवी की अनिवार्य रूप से जांच करवाकर एचआईवी से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कई कर्तव्यों में एक कर्तव्य यह है कि शासन की जितनी भी योजनाएं चल रही हैं, उनसे हितग्राही की पात्रता रखने वाले व्यक्ति को अवगत कराना एक है। असमर्थ व्यक्तियों तक पहुंचकर उन्हें जागरूक कर उनके प्रकरणों की मॉनिटिरिंग कर लाभ पहुंचाना दूसरा कार्य है। सोलंकी नेकहा कि पीड़ित को निशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही सालसा एवं नालसा की विभिन्न योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी गई। शिविर में डॉक्टर मारूत सिंह द्वारा बंदियों को बताया गया कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक एचआईवी वायरस 4 तरीकों से पहुँचता है :- 1. एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संपर्क से 2. एचआईवी संक्रमित सीरिंज एवं सुईयों के पुनः उपयोग से 3. एचआईवी संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाने से 4.एचआईवी संक्रमित माता से उसके होने वाले शिशु को। एचआईवी संक्रमण के संबंध में आमजन में बहुत सी गलत अवधारणाऐं व्याप्त हैं। साथ खाना खाने, हाथ या गले मिलने, खाने के बर्तन, कपड़े, बिस्तर, शौचालय, टेलीफोन स्विमिंग पूल इत्यादि के सामूहिक उपयोग, खांसने, छींकने या हवा से, मच्छरों के काटने या घरों में पाए जाने वाले कीडे़-मकोड़ों के काटने इत्यादि से एचआईवी संक्रमण नहीं फैलता है। इस अवसर पर मेडिकल टीम के द्वारा एड्स क्या है? एड्स कैसे फैलता है? शासन की एड्स निवारण के सिलसिले में क्या-क्या योजनाएं चल रही हैं? इन सभी सवालों के जवाब दिए। एड्स जांच शिविर में कुल 49 पुरूष/महिला बंदियों की जांच की गई। उक्त शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी सागर अग्रवाल, मेडिकल टीम, पुलिस स्टॉफ उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन उप अधीक्षक राजेश विश्वकर्मा द्वारा किया गया।
उक्त शिविर के पूर्व सुबह 8ः30 बजे से जिला चिकित्सालय झाबुआ के सहयोग एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ के तत्वाधान में राजबाड़ा चौक से एड्स के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए रैली का आयोजन किया गया। एड्स के प्रति जागरूकता रैली को जिला न्यायाधीश एवं सचिव लीलाधर सोलंकी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सोलंकी ने बताया कि विश्व एड्स दिवस पहली बार साल 1988 को मनाया गया था। एचआईवी एड्स के प्रति जागरूकता और समझ को बढ़ाने के लिए हर साल, दुनिया भर के संगठनों और लोगों ने एड्स महामारी पर सभी का ध्यान आकर्षित करने और एड्स के प्रति नकारात्मक सोच के खिलाफ आवाज उठाई और एड्स महामारी को समाप्त करने की ओर आगे कदम बढ़ाने की अपील की है।सभी प्रतिभागियों ने इस अवसर को मनाने के लिए प्रतीक के रूप में लाल रिबन भी पहन रखा था। एड्स के प्रति जागरूकता रैली राजबाड़ा चौक से प्रारंभ होते हुये आजाद चौंक, बस स्टैण्ड होते हुये जिला चिकित्सालय झाबुआ में समाप्त हुई। उक्त रैली में डॉक्टर्स, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सागर अग्रवाल एवं रैली में भाग लेने वाले प्रतिभागी सम्मिलित हुये।