घर-घर जाकर भगवान के गुणगान करके, अपना जीवन यापन करने वाले कलाकार, आज भी पुरानी परंपराओं को जीवित रखे हुए हैं. कलाकारों द्वारा भगवान का रूप धारण करके भगवान के भजन गाते हैं. और अपना जीवन यापन करते हैं. कलाकार परशुराम और मारुति ने बताया, हम लोग कर्नाटक से आए हैं, हम पूरे देश के अलग-अलग राज्यों में घूमते हैं, और धर्म की अलख को जगाए रखते हैं. हमारा मुख्य उद्देश होता है, जन जन तक पहुंचकर धार्मिक आस्था को बनाए रखना। यह कार्य हम कई पीढ़ी से करते आ रहे हैं.