परिक्रमा मार्ग टंकियां,वाटर कूलर खराब,पानी पीने के लिए तरस रहे श्रद्धालु व वानर सेना
चित्रकूट। कामतानाथ परिक्रमा मार्ग में वाटर कूलर और टंकियां शोपीस बनकर खड़ी हैं। देश से आए श्रद्धालु पानी के पीने के लिए दुकानदारों से बोलत का पानी खरीदकर कामतानाथ की परिक्रमा करते हैं।चित्रकूट परिक्रमा मार्ग में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश क्षेत्र में 5 वाटर कूलर और 12 टंकियां बनी हैं, लेकिन उन पर पानी नहीं जा रहा है। चित्रकूट परिक्रमा मार्ग 5 किलोमीटर की परिधि पर स्थित है जिसमें आधा उत्तर प्रदेश और आधा मध्य प्रदेश क्षेत्र में आता है। यहां पानी पीने के लिए श्रद्धालु ही नहीं जबकि यहां रह रही वानर सेना भी पानी के लिए तड़प रही है।धर्मनगरी में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। मौजूदा समय में तापमान 45 डिग्री पहुंचने के बाद लोग भीषण गर्मी से बेहाल हैं। धर्मनगरी में पेयजल व्यवस्थाएं गड़बड़ाई है। चित्रकूट के खोही से होने वाली जलापूर्ति व्यवस्था गड़बड़ाने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। परिक्रमा मार्ग के किनारे श्रद्धालुओं को पेयजल के लिए टंकियां हैं, लेकिन यह सूखी पड़ी हैं। बरहा हनुमान मंदिर के पास पाइप लाइन से जुड़ी टंकी से पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। यहीं पर सौर ऊर्जा से संचालित एक अन्य टंकी भी शोपीश बनकर रह गई है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु पीने के लिए पानी तलाशते रहते हैं। स्थानीय लोगों व दुकानदारों ने बताया कि एक सप्ताह से दिक्कतें हो रही हैं। फिर भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
यह है यहां की मान्यता-
यहां की मान्यता है कि वनवास काल में भगवान श्रीराम पत्नी सीता भाई लक्ष्मण जैसा इसी चित्रकूट और कामदगिरि पर्वत में 11 साल 11 महीना 11 दिन बिताए थे। इस परिक्रमा मार्ग की मान्यता है। कामतानाथ की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामनाएं पूरी होती है।
भरत मिलाप के आगे यूपी एमपी बार्डर पर ट्यूबवेल के लिए बोर कराने पर सहमति बनी। जिलाधिकारी ने दो-तीन दिन के अंदर काम शुरू कराने के लिए कहा है। समाजसेवी आनंद सागर ने कहा कि इस बोर व निर्माण का पूरा खर्च वह स्वयं वहन करेंगे। इससे तीर्थयात्रियों को पेयजल की समस्या से निजात मिल सकेगी। समाजसेवी सानू गुप्ता ने जिलाधिकारी से मांग की है कि भीषण गर्मी को देखते हुए नगर की सभी पेयजल योजनाएं क्रियाशील कराई जाएं।