झुनझुनु-मानवाधिकारों की रक्षा लिए संगठित रहें : शर्मा-आंचलिक ख़बरें-संजय सोनी

News Desk
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राष्ट्रीय अध्यक्ष ने झुंझुनू इकाई को किया संबोधित

झुंझुनू।मानवाधिकार दिवस की नींव विश्व युद्ध की विभीषिका में झुलस रहे लोगों के दर्द को समझ कर 10 दिसंबर 1948 को रखी गई थी। मानवाधिकार की बात तो सभी करते हैं मगर जब मानव को उनके जायज अधिकार देने की बात होती है तो उन पर अमल नहीं होता। आज भी दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जो या तो अपने अधिकारों से अनजान है या उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। पूरी दुनिया में मानवता के खिलाफ हो रहे जुल्मों सितम को रोकने,उसके खिलाफ सौहार्द को नई परवाज देने में मानवाधिकार संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज मानवाधिकारों की रक्षा के लिए कानून बनाये गए हैं और उनको लागू करने के प्रयास किये जा रहे हैं। भारत में इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तथा राज्य स्तर पर राज्य मानवाधिकार आयोग कार्यरत है। लेकिन इनकी मानव के जागरूक होने पर ही सार्थकता सिद्ध होगी अन्यथा वे सिर्फ कागजी दस्तावेज ही बनकर रह जायेंगे।झुंझुनू में बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बी शर्मा ने झुंझुनू इकाई को संबोधित करते हुए कहा कि यह संस्था भारत के 24 राज्यों में मानव अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य कर रही हैं।

कार्यक्रम का शुभारंभ झुंझुनू इकाई कार्यालय में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा परिषद झुंझुनू द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष को माल्यार्पण के साथ हुआ।बैठक में कई समाजसेवी संस्थाओं से जुड़ी तेजस्वनी शर्मा ने कहा कि मानव अधिकारों पर बैठक के समय सभी मानवों के अधिकारों की लड़ाई में पूर्ण रूप से साथ रहने की बातें तो करतें है लेकिन उनकी रक्षा के लिए आगे नहीं आते जिस वजह से संगठन अपनी महत्ती भूमिका व मूल उद्देश्यों से भटक जाते है।भगत सिंह तो सबको चाहिए लेकिन हो पड़ोसी के घर जबतक इस मानसिकता से हम नहीं निकलते है, तबतक मानवों पर अत्याचार होते रहे है,होते रहेंगे।जेजेटी यूनिवर्सिटी चुड़ैला के विधि विभाग प्रमुख डॉ अनिल कुमार ने मानवाधिकार कार्यकर्ता को समझाया कि किस प्रकार से मानव हितों के लिए बनाए गए कानूनों को आम आदमी की पहुंच हो सकती है उनके प्रति जागरूक हो कर अन्य लोगों की मदद के लिए आगे आने का आह्वान किया साथ ही बाल मजदूरी, महिला शोषण व आर्थिक रूप से कमजोर तबके तक भी मानवाधिकार कार्यकर्ता स्वयं जागरूक हो कर ही उन्हें न्याय दिला सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बी शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि झुंझुनू शहर में दिनदहाड़े डकैती कर गोली चलाने की घटना जिसमें जतिन सोनी की 25 वें दिन मौत हो गयी का जिक्र करते हुए कहा कि अपराधी दिनदहाड़े ऐसी वारदात को अंजाम देकर ढाई माह तक भी गिरफ्तारी से दूर है जिसकी जल्द ही गिरफ्तारी नहीं होती है, तो राज्य के मुख्यमंत्री के समक्ष मामलें को उठाया जाएगा वहीं जिले के सरकारी स्कूल में दर्जन भर बच्चों के साथ हुए कुकर्म के मामलें की कड़ी भर्त्सना करते हुए इसे मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बताते हुए अपराधी के विरुद्ध कठोर सजा के लिए संगठन काम करेगा।

उन्होंने कहा कि आप संगठित रहें तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं है, सवा सौ करोड़ की आबादी में से महज 70 हजार लोगों के अन्ना हजारे संगठन की वजह से लोकपाल इस देश को मिल सकता है तो आपके संगठित होकर कार्य करने से सभी मूलभूत सुविधाओं की कोई कमी नहीं रह सकती और मानवाधिकारों का हनन नहीं हो सकता जरूरत आपके संगठित रह कर आवाज बुलंद करने की है।इस अवसर पर झुंझुनू जिला अध्यक्ष करणपाल,सचिव बाबूलाल, डॉ तौकीर फारूकी,डॉ आरिफ मिर्जा,डॉ इरफान, गोविंद सिंह राठौड़, प्रदीप गढ़वाल, सुरेंद्र बांगड़वा,कैलाशदान बारहठ सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।कार्यक्रम के अंत में गतवर्ष सराहनीय कार्य करने वाले सदस्यों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।संचालन डॉ अनिल कुमार ने किया।

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