मुस्कान डी्म्स फाउंडेशन ने जरूरत मंद गरीब और बेसहारा बच्चों के साथ मनाई होली-आंचलिक ख़बरें-भैयालाल धाकड़

Aanchalik Khabre
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समाज सेवी मंजूषा गौतम ने पिछड़ी बस्तियों के बच्चों को पिचकारीयां , टोपी, रंग, गुलाल बांटकर मनाई होली

सौहार्द और सदभावना से होली मनाएँ , शराब का सेवन नहीं विरोध करें , समाज को अग्रसर करें
होली के पावन पर्व पर मुस्कान डी्म्स फाउंडेशन समाज सेवी संस्था के द्वारा झुग्गी झोपड़ी, पिछड़ी बस्तियों में रहने वाले गरीब और जरूरत मंद बेसहारा बच्चों के बीच में जाकर के होली को त्यौहार मनाया। मुस्कान डी्म्स फाउंडेशन की संस्थापिका समाज सेवी अधिवक्ता मंजूषा गौतम ने कहा कि मुस्कान फाउंडेशन संस्था के द्वारा आज शहर की स्लम और पिछड़ी बस्तियों में रह रहे गरीब और जरूरत मंदो बच्चों को पिचकारी, टोपी,रंग, गुलाल, आदि चीजे उपहार स्वरूप भेंट की गई और सभी बच्चों को गुलाल और रंग लगाकर होली के त्यौहार की शुभकामनाएं दी गई। सभी बच्चे पिचकारी, टोपी, रंग पाकर के खुशी से झूम उठे सभी के चेहरे खुशी से खिल उठे। सभी बच्चों ने थैंक्यू दीदी कहा , मंजूषा गौतम ने बताया कि होली का त्यौहार एक ऐसा त्यौहार है जिसमें लोग आपसी मनमुटाव बरसों पुरानी दुशमनी भूलकर भी एक दूसरे रंग लगाते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं बधाइयाँ देते हैं। हमारे देश में लोग आपसी भेदभाव को मिटाकर सभी धर्मों के लोग मिलकर धूमधाम से होली का पावन पर्व मनाते हैं। होली सोहाद्र और सदभावना का त्यौहार है। इसे सभी को मिलजुल मनाना चाहिए। आयोजन में पं. राजैन्द्र गौतम, रियंका तिवारी, शशि कला चौबे , चंद्र कुमार चौबे,श्रीमती सुधा बर्मन, समा्ट गौतम, विराट गौतम, मयंक तिवारी, प्रतिज्ञा तिवारी, रवि तिवारी, राकेश तिवारी,स्वाती बर्मन, किरन कुशवाहा और बस्ती के बच्चे शामिल रहे।
मंजूषा गौतम ने कहा
आज पर्वों में जिस तरह से मादक पदार्थों का चलन तेजी से बढ़ा है और इन मादक पदार्थों के सेवन से समाज में दूषितभाव पैदा हो रहा है और हमारी पीढ़ियाँ मादक पदार्थों का सेवन करके लगातार अपने आपको कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसके लिए दोषी हम स्वयं हैं। हमें आज से अभी से त्योहारों में शराब पीने की गंदी आदतों को त्याग करना चाहिए ।और एक सभ्य समाज में त्यौहार सौहार्दपूर्ण मनाने के लिए हमें जागरूक होना चाहिए । अपनी परंपराओं को हम स्वयं दूषित कर रहे हैं। जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी भी उसी तर्ज पर चल पड़ी है ।आईये हम सभी संकल्पित करें कि त्योहारों में शराब का सेवन नहीं करेंगें
एक संकल्प से समाज में कुप्रथा को समाप्त करें समाज को आगे बढ़ाएं ।

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