सोशल मीडिया अफवाहें और फेसबुक का नया नियम 2025 – क्या मेटा आपकी फोटो का इस्तेमाल करेगा?

Aanchalik Khabre
8 Min Read
सोशल मीडिया अफवाहें

(विवेक रंजन श्रीवास्तव – Author)

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मेटा की मायावी चेतावनी और सोशल मीडिया अफवाहें

कल सुबह की बात है। चाय का प्याला हाथ में लेकर अखबार पढ़ ही रहा था कि मोबाइल की स्क्रीन पर ‘दुनिया बदलने वाला’ एक मैसेज आ टपका। लिखा था – “चेतावनी! कल से फेसबुक, मेटा के नाम से आपके चित्रों का उपयोग कर सकता है।”
यह सुनकर तुरंत दिमाग में सवाल आया कि मेटा आपकी फोटो का इस्तेमाल करेगा – क्या सच में ऐसा संभव है?

डिजिटल गुरु और सोशल मीडिया का भ्रम

पढ़कर एक क्षण को तो लगा कि देश के सभी संविधान विशेषज्ञों ने संयुक्त रूप से संविधान संशोधन प्रस्ताव व्हाट्सऐप स्टेटस में डाल दिया है।
सच कहूं तो यह वही दृश्य था, जब आदमी तकनीक के समुद्र में तैरते हुए भी “तथ्य” की पतंग को “फॉरवर्ड” की डोर से उड़ाता है।

डिजिटल प्राइवेसी और अचानक फैली जागरूकता

जो मित्र आज तक बैंक लॉगिन और लॉगआउट में उलझे रहते थे, वे अचानक ‘डिजिटल अधिकारों’ की रक्षा में सुप्रीम कोर्ट के जज बन गए!
फेसबुक को ललकार कर ‘प्राइवेसी राइट्स’ पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं।

फेसबुक स्टेटस और कानूनी धोखा

हमारे मोहल्ले के शर्मा जी सहित कई मूर्धन्य विद्वानों ने बिना किसी फैक्ट चेक के भेड़ चाल चलते हुए तुरंत बाकायदा स्टेटस डाला –
“मैं मेटा को सूचित करता हूं कि मेरी प्रोफाइल और इसकी सामग्री पर आपका कोई अधिकार नहीं है।”

व्हाट्सऐप वायरल मैसेज का सच

इसी बीच, एक नया खेल शुरू हो जाता है –
“गंभीर चेतावनी को कॉपी-पेस्ट न करने वाले अगले सात दिन में दुर्भाग्य के शिकार होंगे।”
अब देखिए, यह चेतावनी है या श्राप?

झूठी कविताओं का नया खेल

असली मज़ा तब आता है, जब कोई प्रबुद्ध आत्मा, अपने टूटे फूटे कविता टाइप के स्टेटस को महादेवी वर्मा की रचना बता देता है।

कविता:
“तेरा मेरा रिश्ता है वाईफाई से जुड़ा,
पासवर्ड गलत हो तो दिल भी जुदा।”

अंधविश्वास और झूठे फॉरवर्ड्स

कविताओं से लेकर खबरों तक, यहां हर कोई ‘शेयर’ के बटन से विद्वान बन चुका है।
“खाली पेट लहसुन खाइए, तो कैंसर भाग जाएगा।” — ऐसा फॉरवर्ड देखकर हँसी भी आती है और चिंता भी।

फेक न्यूज़ की पहचान और सोचने की आज़ादी

समस्या ये नहीं कि लोग फॉरवर्ड करते हैं, समस्या ये है कि बिना देखे, बिना परखे, बस ‘डर या जोश’ के बहाव में शेयर कर देते हैं।
अगर लोगों ने फेक न्यूज़ की पहचान कैसे करें यह सीख लिया होता, तो ये हास्यास्पद ट्रेंड्स खत्म हो जाते।

अगर इतिहास में सोशल मीडिया अफवाहें होतीं तो?

कल्पना कीजिए:
ताजमहल की दीवार पर लिखा होता – “मुमताज़ का ये मकबरा गूगल मैप के सुझाव पर बनवाया गया।”
तुलसीदास की रामचरितमानस में अंत में एक नोट जुड़ा होता “इस रचना को 5 मित्रों को भेजें, नहीं तो रावण का प्रकोप आएगा!”

सोशल मीडिया पर सतर्कता की ज़रूरत

अब वक्त आ गया है कि हम यह समझें कि सोशल मीडिया अफवाहें सिर्फ मजाक नहीं बल्कि ग़लतफहमी का बड़ा कारण हैं।

फेसबुक प्रोफाइल सुरक्षित रखने की आवश्यकता

तो मुस्कराकर कहिए –
“पहले ज़रा चेतावनी खुद को दे लूं कि अगली बार कुछ भी आंख मूंदकर न शेयर करूं।”


फेसबुक प्रोफाइल सुरक्षित रखने के उपाय

1. मजबूत पासवर्ड रखें

  • पासवर्ड में अक्षर (A-Z, a-z), संख्या (0-9) और विशेष चिह्न (!@#*) का मिश्रण रखें।

  • पासवर्ड दूसरों के साथ शेयर न करें।

  • हर 6-12 महीने में पासवर्ड बदलते रहें|

2. अनजान लिंक और फ्रेंड रिक्वेस्ट से सावधान रहें

  • अनजान लोगों की रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।

  • संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें, वे अकाउंट हैकिंग का जरिया हो सकते हैं।

3. लॉगिन अलर्ट ऑन रखें

  • फेसबुक सेटिंग्स → सुरक्षा और लॉगिन → “Get alerts about unrecognized logins” को ऑन करें।

  • अगर कोई अन्य डिवाइस से लॉगिन करता है, तुरंत सूचना मिल जाएगी।

4. थर्ड पार्टी ऐप्स और गेम्स को हटाएं

  • अनावश्यक ऐप्स और गेम्स को फेसबुक से डिसकनेक्ट करें जो आपकी प्रोफाइल जानकारी एक्सेस कर सकते हैं।

5. प्रोफाइल लॉक फीचर का उपयोग करें

  • भारत में फेसबुक “Profile Lock” सुविधा भी देता है:

    • प्रोफाइल पर जाएं → तीन डॉट्स पर क्लिक करें → “Lock Profile” चुनें।

    • इससे अजनबी लोग आपकी प्रोफाइल फोटो और पोस्ट नहीं देख सकेंगे।

6. नियमित रूप से एक्टिव डिवाइस की जांच करें

  • सेटिंग्स → सुरक्षा और लॉगिन → “Where you’re logged in” में जाकर देखें कि कहां-कहां अकाउंट लॉगिन है।

  • अनजान डिवाइस दिखे तो तुरंत “Log out” कर दें।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)


प्रश्न 1: क्या फेसबुक (Meta) वास्तव में आपकी प्रोफाइल फोटो या कंटेंट का उपयोग कर सकता है?
उत्तर: नहीं, फेसबुक आपकी अनुमति के बिना आपकी निजी फोटो या सामग्री का व्यावसायिक उपयोग नहीं कर सकता। वायरल होते मैसेज जैसे – “मैं मेटा को अपने चित्रों का उपयोग करने की अनुमति नहीं देता” – पूरी तरह अफवाह हैं और कानूनी मान्यता नहीं रखते।


प्रश्न 2: सोशल मीडिया अफवाहें इतनी तेजी से क्यों फैलती हैं?
उत्तर: लोग बिना तथ्य जांचे भावनात्मक या डर आधारित संदेशों को फॉरवर्ड कर देते हैं। जानकारी की कमी और डिजिटल साक्षरता की कमी इसकी मुख्य वजहें हैं।


प्रश्न 3: फेसबुक पर ‘स्टेटस चेतावनी’ डालने से क्या कानूनी प्रभाव होता है?
उत्तर: फेसबुक पर स्टेटस डालना कोई कानूनी दस्तावेज नहीं होता। ऐसी घोषणाओं का फेसबुक की पॉलिसी या डेटा उपयोग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।


प्रश्न 4: फेसबुक प्रोफाइल को सुरक्षित रखने के लिए क्या उपाय करें?
उत्तर:

  • मजबूत पासवर्ड रखें।

  • अनजान लिंक या रिक्वेस्ट से सावधान रहें।

  • लॉगिन अलर्ट ऑन करें।

  • थर्ड पार्टी ऐप्स को हटाएं।

  • प्रोफाइल लॉक फीचर का इस्तेमाल करें।

  • लॉग इन डिवाइस की नियमित जांच करें।


प्रश्न 5: सोशल मीडिया अफवाहों से कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर:

  • किसी भी मैसेज को शेयर करने से पहले तथ्य की जांच करें।

  • विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी लें।

  • अफवाहों को बढ़ावा देने के बजाय जागरूकता फैलाएं।


प्रश्न 6: क्या वायरल कविता या उद्धरण वाकई प्रसिद्ध कवियों के होते हैं?
उत्तर: अधिकतर वायरल हो रही कविताएं या उद्धरण झूठे होते हैं और प्रसिद्ध कवियों के नाम से जोड़ दिए जाते हैं। शेयर करने से पहले लेखक का सत्यापन करना जरूरी है।


प्रश्न 7: फेसबुक की “Profile Lock” सुविधा क्या है और यह कैसे काम करती है?
उत्तर: “Profile Lock” फीचर आपकी प्रोफाइल को अनजान लोगों से छिपाता है। इससे कोई आपकी प्रोफाइल फोटो, पोस्ट और जानकारी नहीं देख सकता। इसे “तीन डॉट्स > Lock Profile” में जाकर एक्टिवेट किया जा सकता है।

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