ग्राम पंचायत औझर सहित कई ग्रामों में वर्तमान राज्य व केंद्र सरकार ने कई विकास के कार्य किए जो दिखते भी हैं पर कमीशन ,घूस, घोटाला के कारण गांवों में विकास के चार चांद नहीं लग पा रहे हैं
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिला के विकासखंडमऊ के अंतर्गत ग्राम पंचायत औझर है, जो विंध्याचल श्रेणी की तलहटी में पूरा बसा हुआ है विकासखंड मऊ से 9, 10 किलोमीटर की दूरी पर है जहां पर कांग्रेस, सपा आदि पार्टियों के जमाने में वहां पर विकास के कार्यों में घूस के रूप में डाकू द्वारा लंबी रकम वसूली जाती थी और इधर पंचायती राज के अधिकारी कर्मचारी से लेकर जेई व प्रधान तक गांव में विकास कार्यों में कमीशन धनराशि निकालने के बाद भी वहां बहुत कुछ कम विकास हुआ। लेकिन जब से योगी मोदी की सरकार आई तब से योजनाओं के कार्य दूरदराज के गांवों तक दिखता है। ग्राम पंचायत औझर में अस्थाई गौशाला साफ सुथरा दिखा जब वहां कवरेज करने गया तो सभी पशु चरने चले गये थे । अस्थाई गौशाला के बगल में ही विंध्याचल श्रेणी के पर्वत स्थित है चरवाहे वहीं जंगल में पशुओं को चराने ले जाते हैं और शाम को गौशाला वापस लाते हैं। ग्राम पंचायत औझर का सामुदायिक शौचालय की स्थिति भी ठीक दिखती है ,पानी की व्यवस्था हो गई है ,लेकिन कमीशन खोरी वघूस के कारण अभी शौचालय की स्थिति थोड़ा ठीक नहीं दिख रही। गांव में विधायक निधि और पंचायती राज से बहुत से गलियां अच्छी पक्की सड़क के रूप में बन गई हैं चाहे वह इंटरलॉकिंग हो ,चाहे सीसी निर्माण रोड हो ,चाहे डामर रोड हो भाजपा सरकार ने इसके लिए बहुताआयत में काम कर रही है और किया है अतः इस समय गांव में विकास दिख रहा है। मौके पर ओझर गांव की कुछ कोल
जाति की महिला व पुरुषों ने बताया की हमारे घर बहुत दिन से कच्चे हैं बने हुए हैं जो सामने दिख भी रहे हैं। गांव के ही एक व्यक्ति ने बताया की जो पात्र हैं वह कमीशन देकर योजना का लाभ ले लेते हैं जिसके पास कमीशन का पैसा है वही फायदा पाता है हम आदिवासी लोग तो गरीब हैं हमारी झुग्गी झोपड़ी कच्चे मकान हैं। सरकार हम आदिवासी गरीबों कोआवास क्यों नहीं दे रही है पर ऊपर से सरकार की तरफ से सभी सुविधाएं भेजी जाती हैं लेकिन गांव में जातिगत राजनीति व छोटे-छोटे झगड़ों से गांव में पार्टी बंदी हो जाती है जिससे बहुत से लोगों का विकास नहीं होता है अतः यदि प्रधान गांव में राजनीति करें तो ग्राम विकास अधिकारी को इन गरीबों का सर्वे करके आवास उपलब्ध कराने का कार्य करना चाहिए ।इसी प्रकार ग्राम पंचायत सेसासुबकरा के भूतपूर्व प्रधान प्रमोद सिंह ने सामुदायिक शौचालय व ग्राम सचिवालय का निर्माण करवाया था कुछ सामाजिक तत्वों के द्वारा जांच करवाकर ग्राम पंचायत के विकास में अवरोध पैदा करते हैं जैसे सेसासुबकराका सचिवालय बने लगभग 3 वर्ष हो गया है पूरी बरसात हवा खाकर उसी प्रकार पूरा यूं ही खड़ा है मकान के ढांचे में कोई क्षति अभी तक नहीं हुई है। लेकिन जांच की फांस में फंसा कर आज वर्तमान प्रधान को उसके प्लास्टर व डेंट पेंट कराने में परेशानी हो रही है क्योंकि मामला कोर्ट में लम्बित है। सचिवालय के कर्मचारी कहीं अन्य जगहों से अपना कागजी काम कर रहे हैं इसलिए सरकार को उन अधिकारियों का वेतन बढ़ा देना चाहिए जो कमीशन लेना बंद कर दें तो घोटाला कम होगा और यदि
वेतन नहीं बढ़ेगा तो कमीशन बढ़ेगा और घोटाला बढ़ेगा इन्हीं सब कारणों से गांव पंचायतों में विकास के चार चांद नहीं लग पा रहे हैं।
कई ग्रामों में वर्तमान राज्य व केंद्र सरकार ने कई विकास के कार्य किए-आंचलिक ख़बरें-प्रमोद मिश्रा
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