चित्रकूट। जिला के समीपवर्ती इलाके फतेहगंज के पास कोल्हुआ के जंगली इलाके में एक पुरातात्त्विक पुरास्थल बेलहिया मठ अवस्थित है। यह स्थल पुरातत्त्व, धर्म व इतिहास की दृष्टि से बड़े महत्त्व का है।
इसकी ऐतिहासिकता के बारे में पुरातत्त्ववेत्ता अलिक्जेण्डर कनिंघम महोदय ने अपने दस्तावेज में वर्णन प्रस्तुत किया है। यह पुरास्थल चन्देल कालीन स्थापत्य शिल्प का उत्तम नमूना है। यहां स्थापत्य शिल्प की नक्काशी इस तथ्य का द्योतन करती है कि यह पुरास्थल चन्देल कालीन शासकों के समय महत्त्वपूर्ण तीर्थ रहा होगा। प्रत्यक्ष अवलोकन के आधार पर शिक्षाविद् डाॅ संग्राम सिंह ने बताया कि यह स्थल सचमुच भारतीय संस्कृति का प्राण स्थल माना जा सकता है। यहां के मूर्तियों की नक्काशी, उनकी विन्यास संरचना व मंदिर की बनावट इतने वर्षों गुजर जाने के बाद आज भी अपने गौरवगाथा की साक्षी है। इस मंदिर में पहुंचने के लिए 74 सीढियां चढ़नी पड़ती हैं। वर्तमान में एक छोटी पहाड़ी में अवस्थित यह मंदिर चंदेल युगीन सुंदर कलाकृति का द्योतक है। इस मंदिर के संरक्षण संवर्धन की महती आवश्यकता है।इस स्थल को महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने की महती आवश्यकता है। शोध यात्रा में डाॅ यशवंत, लखनऊ से गुलजार सिंह, अवनीश कुमार, डाॅ बीडी सिंह आदि मौजूद रहे।