रोपवे बिना बैलेंसशीट शारदा प्रबंध समिति को क्यों कर रहे भुगतान?-आंचलिक ख़बरें-शाह आलम

News Desk
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रिकवरी से बचने दामोदर ने 2009 से दबा रखी है बैलेंस शीट रद्दी की टोकरी में
सतना मैहर शारदा मंदिर में स्थापित रोपवे के करोड़ों के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद भी किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। हद तो यह है कि यह मामला उजागर होने के बाद अधिकारियों ने रोप वे प्रबंधन को कुछ चिट्ठियां जारी कर खानापूर्ति कर ली। अधिकारियों ने न तो कभी यह जानने की जहमत उठाई कि उनकी चिट्ठियों पर कितना अमल हुआ और न ही रोप-वे प्रबंध ने अधिकारियों की चिट्टियों को गंभीरता से लिया। नतीजा, करोड़ों की हानि के संबंध में चाहे गए जवाब आज तक नहीं मिल सके। इसके अलावा जिस प्राफिट के आधार पर मां शारदा मंदिर प्रबंध समिति को 30% लाभांश दिया जाता है, उसके सत्यापन के लिए आज तक बैलेंस शीट प्रस्तुत नहीं की।

ज्येष्ठ संपरीक्षक द्वारा मैहर शारदा मंदिर स्थित रोप-वे संचालन की ऑडिट में रोपवे निर्माण एवं संचालन अनुबंध में अनियमित परिवर्तन से समिति को करोड़ों की हानि का खुलासा किए जाने के बाद तत्कालीन प्रशासक मां शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति ने दिसंबर 2019 में दामोदर रोपवे प्रबंधक को पत्र लिख कर इस गड़बड़झाले के संबंध में जवाब
डाला प्रशासक का पत्र
रोपवे से होने वाली आय के लाभांश के सत्यापन के लिए एक बार फिर अक्टूबर 2020 में मंदिर समिति के प्रशासक ने दामोदर रोपवे प्रबंधक को पत्र लिखकर रोपवे से प्राप्त होने वाली आय की बैलेन्स शीट प्रस्तुत करने को कहा। उसमें स्पष्ट लिखा गया था कि रोपवे का संचालन 2009 से हो रहा है, लेकिन इस आय की बैलेंस शीट आज तक प्रस्तुत नहीं की गई है। जबकि पूर्व में कई बार लिखा जा चुका है। बैलेंस शीट न प्रस्तुत करने से प्राप्त आय का आकलन करने वस्तु स्थिति की जानकारी नहीं मिल पा रही है। इस संबंध में तीन दिन में जवाब प्रस्तुत करने और बैलेंस शीट देने कहा गया था। लेकिन, इसका भी न तो प्रबंधक ने जवाब दिया और न ही बैलेंस शीट प्रस्तुत की। जानकार सूत्र प्रिंट मीडिया पत्रिका सतना एडिशन मैं इस मैटर की बार-बार प्रकाशित होने से इस बात से स्पष्ट हो गया कि शारदा प्रबंध समिति भी इस फर्जीवाड़े में अब सहभागी है। रोप-वे प्रबंधन बिना बैलेंस शीट के ही आय का मनमानी लाभांश बताकर समिति को लाभांश देती जा रही है और समिति चुपचाप इसे स्वीकार करती जा रही है। जबकि संपरीक्षक ने आय को लेकर तमाम सवाल खड़े किये हैं।

तलब किया था। लेकिन, इसको तीन साल बीतने को है आज तक इसका जवाब प्रशासक के पास नहीं पहुंचा। इसके बाद भी न तो प्रशासक ने न ही अध्यक्ष ने इस संबंध में कोई कार्रवाई की।

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