सड़क किनारे बोरी में मिला था अज्ञात व्यक्ति का सिर-आंचलिक ख़बरें-महेन्द्र सिंह राजपूत

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14 घंटे के अंदर पुलिस ने किया हत्या का खुलासा
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खबर शिवपुरी जिले के भौती थाना अंतर्गत है. जहां भौंति पुलिस द्वारा कटे हुये अज्ञात सिर की सूचना खोड चौकी भौती थाना को प्राप्त हुई। सूचना में कहा गया कि खोड सिरसोद रोड करई जाने वाले रास्ते के किनारे एक पुरानी सफेद रंग की प्लास्टिक की बोरी के अन्दर एक अज्ञात व्यक्ति का कटा हुआ सिर रखा है। जिसकी किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा धार दार हथियार से सिर गर्दन के ऊपरी भाग से काटकर अलग कर दी गई है व उसकी हत्या कर साक्ष्य को छिपाने के लिए सिर को बोरी में रख कर फेंका गया है। घटना की सूचना तत्काल रूप में वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गयी। जिस पर से पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर अनिल शर्मा द्वारा मामले को गंभीरता से लेकर तत्काल मृतक की शिनाख्त की एवं अज्ञात आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दे दिए। उसके बाद पुलिस अधीक्षक महोदय राजेश सिंह चंदेल द्वारा रात्रि में ही, अति. पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ,एसडीओपी दीपक तोमर मय एफएसएल टीम, फिंगर प्रिंट टीम, डॉग स्काउड के साथ मौके पर पहुंच कर घटना स्थल का निरीक्षण किया. तथा शेष धड की तलास की एवं आरोपीगणों की गिरफ्तारी हेतु निर्देश दिये गये।

आज सुबह 6 बजे से ही तीन टीमें बनाकर आसपास के गांव व क्षेत्र में कटे सिर का फोटो दिखाकर शिनाख्त करायी गयी, तो पता चला कि यह सिमर्रा गांव के हरनाम आदिवासी हो सकता है।

जानकारी मिलने पर सिमर्रा गांव पहुचकर हरनाम आदिवासी के घर पर पहुचकर सिर की फोटो उसकी पत्नि को दिखायी गयी।

जिसने अपने पति हरनाम के होने की शिनाख्त की एवं बताया कि एक व्यक्ति (बंगाली डाक्टर) जो खोड में प्रेक्टिस करता है।

उसने हमारी जमीन गिरवी रखी है व एक अन्य व्यक्ति निवासी बक्सनपुर के साथ पति हरनाम ने शराब व मुर्गा की पार्टी दो दिन पहले की थी

तभी से ही हरनाम घर नही आया।

संदेह होने पर दोनों की तलास की गयी तो बंगाली डाक्टर खेत की फसल में छिप गया व दूसरा आरोपी फसल की आड लेकर वहां से भाग गया।

आरोपी बंगाली डाक्टर को घेराबंदी कर पकडा गया।

जब पूछताछ की गयी तो उसने अपना जुर्म स्वीकार करते हुये बताया कि हमने हरनाम आदिवासी का सिर, धड व पैर कुल्हाडी से काटे थे।

सिर मैंने खोड सिरसोद रोड करई जाने वाले रास्ते के किनारे फेंक दिया था व धड को सिमर्रा गांव में हरनाम के खेत पर बना कुआ जो सूखा होने का कारण भर दिया गया था।

उसी के शेष गड्डे में सूखे चारे से ढककर छुपा देना बताया।

आरोपी पवन अधिकारी की निशादेही से मृतक का धड गड्डे से बरामद किया व कटे हुये पैरों के बारे में पूछा तो बताया कि मेरे साथी ने कही फेंका है बाद में दूसरे आरोपी की तलास करते हुये उसे आरोपी को बक्सनपुर के रास्ते के जंगल में भागते हुये पकडा गया एवं पूछताछ करने पर जुर्म स्वीकार करते हुये मृतक के कटे हुये दौनो पैरों को जंगल में ही एक टीले पर फैंकना बताया।

जिसकी निशादेही में लाश के दोनो कटे हुये पैर बरामद किये गये।

आरोपीगणों द्वारा बताया कि एक दिन पूर्व मृतक हरनाम आदिवासी से हमारा झगडा हुआ था।

हम जमीन हडपना चाहते थे, इसलिए हमने उक्त बरदात को अंजाम दिया।उल्लेखनीय भूमिका- डीएसपी दीपक सिह तौमर एसडीओपी पिछोर, निरीक्षक संजय मिश्रा थाना प्रभारी भौती, थाना प्रभारी पिछोर निरीक्षक गब्बर सिंह, थाना प्रभारी अमोला उपनिरीक्षक अमित चतुर्वेदी, खोड़ चौकी प्रभारी उनि.राजीव दुबे उनि.आर.एस.चौहान थाना भौती, प्रआर.राजेश शर्मा, प्रधान आरक्षक राजेंद्र यादव आर नवनीत जाट, आर धर्मवीर रावत,आर.बृजराजसिह,आर.सुखवीर जाट,आर. संजय धाकड आरक्षक दिलीप रावत की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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