नई दिल्ली, महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की ओर से एसपीएसएस पर 3 दिनों तक मीडिया रिसर्च वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है यह कार्यशाला 3 से 6 सितंबर, 2021 को जूम पर होगी। इस कार्यशाला के लिए 400 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया।
इस कार्यशाला का लक्ष्य मीडिया क्षेत्र के महत्व को चिह्नित करना था। कार्यशाला की शुरुआत के बाद एक इंटरैक्टिव सत्र हुआ। प्रोफेसर (डॉ.) उमेश आर्य, डीन, मीडिया स्टडीज संकाय, गुरु जंबेश्वर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हरियाणा और प्रो (डॉ.) देवव्रत सिंह, जनसंचार विभाग, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय, रांची ने सामाजिक विज्ञान (एसपीएसएस) के लिए सांख्यिकीय पैकेज और मीडिया से संबंधित कई महत्वपूर्ण विषयों जैसे ची-स्क्वायर, एनोवा, मल्टीवेरिएट परीक्षा और बहुत कुछ पर अपने अनुभव और ज्ञान को साझा किया।
कार्यशाला की संयोजक डॉ. निधि चौधरी ने कहा, “अनुसंधान विद्वानों से लेकर पत्रकारों तक के लिए देश भर से 400 पंजीकरणों के साथ एक आनंदमयी कार्यशाला की मेजबानी करना एक परम खुशी की बात है।”
इस कार्यशाला के माध्यम से हम इस धारणा की निंदा करते हैं कि पत्रकार केवल माइक और कैमरे तक ही सीमित हैं और उनके पास एसपीएसएस का कोई उपयोग नहीं है, इस कार्यशाला के दौरान हम पत्रकारों के लिए अनुसंधान और एसपीएसएस के महत्व को जान सकेंगे, एस के गर्ग, महानिदेशक, ने कहा।
“सच के पीछे के सच को जानना बहुत जरूरी है और उस सच को जानने के लिए रिसर्च जरूरी है। एसपीएसएस और मीडिया के बारे में सार्थक जानकारी से भरा एक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए छात्रों को अपने शिक्षक के साथ मिलकर काम करते हुए देखकर बहुत खुशी हुई। मीडिया हमारे उद्योग में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और अपने अनुभव को सभी के साथ साझा करना मेरे लिए अत्यंत खुशी की बात है।” प्रो (डॉ.) विनीता गुप्ता, प्रमुख, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने कहा।
कोरोनावायरस महामारी के कारण चल रही स्थितियां कठिन हैं और हर क्षेत्र और हर उद्योग को अपने घुटनों पर ला दिया है, लेकिन फिर भी मीडिया क्षेत्र अंधकारमय समय से ऊपर उभरा है। मुख्य वक्ताओं ने मीडिया जगत के महत्व के बारे में बात करने पर ध्यान केंद्रित किया।कार्यशाला के दौरान संसाधन व्यक्ति प्रो. देवव्रत ने बताया कि कंटेंट एनालिसिस के जरिए ही हम मीडिया के बुरे प्रभावों का पता लगा सकते हैं।
कार्यक्रम के सह-संयोजक और सहायक प्रोफेसर, श्री विजय पाल सिंह द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
उपस्थित लोगों और सम्मानित वक्ताओं ने आयोजन समिति और संयोजक डॉ निधि चौधरी, श्री जितेंद्र विग और श्री विजय पाल सिंह को एक अत्यंत उपयोगी और सफल कार्यशाला की व्यवस्था के लिए बधाई दी।