दमोह। संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्या सागर जी महाराज के खर्राघाट इमलियाघाट पहुंचने से पहले अटकलों का दौर जारी था, संभावनाएं थीं कि आचार्यश्री झलोन होते हुए विहार करेंगे लेकिन गुरु कब किस ओर बड़ चले, यह किसी को नहीं पता होता है। विहार के दौरान भी ऐसा ही देखने मिला जब आचार्यश्री की राजघाट से दसोंदा की ओर बिहार हुआ,इस दौरान गुरु की महिमा की लोग चर्चा करते नजर आए। इमलियाघाट से दोपहर बाद जैसे ही विहार हुआ सोमखेड़ा गांव के हजारों लोगों ने मुख्य मार्ग पर जाकर आचार्य श्री की आरती कर आर्शीवाद प्राप्त किया, मुनि संघ को सोमखेड़ा गांव में भव्य अगवानी की जानकारी मीडिया प्रभारी महेन्द्र जैन सोमखेड़ा ने दी कि यह गांव मेरा जन्म स्थान है और संपूर्ण गांव के हजारों लोग गुरुदेव के भक्त हैं तो उन्होंने संपूर्ण गांव के स्वागत में उपस्थित सभी समाज के लोगों को आशीर्वाद दिया। इस अद्भुत दृश्य के साक्षी बने पूर्व सरपंच धर्मदास पटेल, इमरत सिंह, के सी जैन, डॉ सुमत जैन, महेन्द्र पटेल, पूरन पटेल, सरपंच हर प्रसाद, शिक्षक आनंद पटेल, एम एल जैन सहित संपूर्ण गांव के सम्मान्नीय जनों ने गुरुदेव के विहार को देखा।
आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के ससंघ दर्शन करने वाले शासकीय स्कूल परिसर इमलियाघाट में हजारों की संख्या में भक्तगण सुबह से ही एकत्रित हो गए। जिसे जहां जगह मिली रुक गया। सभी लोग गुरुदेव की एक झलक पाने के लिए उत्सुक नजर आए। भक्तों ने सबसे पहले सामूहिक रूप से आचार्य विद्यासागर का पूजन किया। इस दौरान गुरु के जयकारों से पूरा परिसर लगातार गुंजायमान होता रहा, इसके बाद आचार्यश्री ने सभी को मंगल आशीर्वाद प्रदान किया।
आहार के लिए लगे चौके स्कूल परिसर में लगाए गए इस अद्भुत दृश्य देख कर ग्रामीण क्षेत्रों से आए सभी धर्मों के लोगों लिए एक सुखद अनुभूति महसूस हुई।
सुबह करीब 10 बजे आचार्यश्री, सभी मुनि महाराज आहार के लिए निकले, जहां चारों ओर श्रावक-श्राविकाएं आचार्यश्री के हाथों में श्रीफल व अन्य विधियां लेकर पडग़ाहन करते हुए नजर आए। सैकड़ों लोगों के साथ ही शासकीय प्रायमरी और मिडिल स्कूल के बच्चों के द्वारा हे स्वामी नमोस्तु, नमोस्तु, नमोस्तु किया जा रहा था, जिससे पूरा शासकीय स्कूल परिसर धर्म से सराबोर नजर आया। आचार्यश्री विद्यासागर के आहार देने का सौभाग्य ब्रह्मचारी विनय भैया को प्राप्त हुआ। आचार्यश्री का रात्रि विश्राम झापन में किसी ग्राम में हो सकता है।
स्वस्थ प्रतिकूल होने के बाद भी आचार्य श्री का हुआ विहार आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज इमलियाघाट से विहार करते हुए सोमखेड़ा ग्राम पहुंचे,जहां आचार्य संघ की भव्य अगवानी की गई हजारों लोग सड़कों पर गुरु के पीछे पीछे चलते नजर आए। नमोस्तु…नमोस्तु…नमोस्तु गुरुवर और आचार्यश्री के जयकारों से हर गांव में रहने वाले लोगों ने अपने अपने तरीके से गुरुदेव आचार्य श्री का अपने गांव से निकलने (विहार) से प्रसन्नता व्यक्त की।
इसके बाद आचार्यश्री ने लकलका , झापन की ओर विहार किया। जिससे तय माना जा रहा है कि आगामी दिशा पटनागंज हो सकती है।
इसके एक दिन पहले मंगलवार की सुबह से अपने गुरु की दर्शन के लिए भक्तों में उत्साह देखा गया। सुबह 6 बजे से ही हजारों की संख्या में महिला, पुरुष, बच्चे, बूढ़े, युवा देश के कोने कोने से इमलियाघाट आ गए और मंगल आशीर्वाद की प्रतीक्षा करने लगे।
भक्त नहीं जान पाए गुरु के मन की बात-आँचलिक ख़बरें-मुकेश जैन
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