स्वास्थ्य बीमा: जानें क्यों है यह आपके लिए बेहद ज़रूरी

Aanchalik Khabre
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स्वास्थ्य बीमा

परिचय

आज के समय में एक गंभीर बीमारी न केवल शरीर को, बल्कि आर्थिक स्थिरता को भी हिला सकती है। अस्पताल का बढ़ता खर्च, महंगी दवाइयाँ और लंबा इलाज—ये सब आपके सालों की बचत को खत्म कर सकते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य बीमा आपके लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है, जो सही समय पर वित्तीय सहारा देता है।

स्वास्थ्य बीमा

स्वास्थ्य बीमा क्या है?

स्वास्थ्य बीमा एक अनुबंध है, जिसमें बीमा कंपनी आपके इलाज का खर्च पॉलिसी की शर्तों के अनुसार उठाती है। इसके बदले आप हर साल एक तय प्रीमियम (किस्त) चुकाते हैं। इस कवरेज में अस्पताल में भर्ती, सर्जरी, डॉक्टर से परामर्श, मेडिकल टेस्ट, दवाइयाँ और कई बार वैकल्पिक इलाज भी शामिल होते हैं।

कवरेज के प्रकार

1. कैशलेस ट्रीटमेंट

नेटवर्क अस्पताल में इलाज पर सीधे बीमा कंपनी भुगतान करती है।

2. रिइम्बर्समेंट क्लेम

पहले खर्च आप करते हैं, फिर बिल के आधार पर बीमा कंपनी से रकम वापस मिलती है।

Health Scheme

अतिरिक्त फायदे

  • एंबुलेंस शुल्क

  • प्री-हॉस्पिटलाइजेशन और पोस्ट-हॉस्पिटलाइजेशन खर्च

  • आयकर अधिनियम की धारा 80D के तहत टैक्स छूट

  • वैकल्पिक इलाज (आयुष), डे-केयर प्रक्रियाएँ, गंभीर बीमारियों का कवरेज

सही कवरेज कितना होना चाहिए?

विशेषज्ञों की राय में कम से कम ₹10 लाख का व्यक्तिगत कवरेज जरूरी है। बड़े शहरों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹20 लाख या उससे अधिक लेना समझदारी है।

योजना का प्रकारमेट्रो सिटीअर्बन सिटीग्रामीण इलाका
व्यक्तिगत बीमा₹10 लाख+₹7-10 लाख₹5-7 लाख
फैमिली फ्लोटर₹30 लाख+₹20-30 लाख₹15-20 लाख
सीनियर सिटीजन₹25 लाख+₹15-25 लाख₹10-15 लाख

स्वास्थ्य बीमा के प्रमुख प्रकार

1. व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा

एक व्यक्ति का कवरेज।

2. फैमिली फ्लोटर प्लान

एक पॉलिसी में पूरे परिवार का कवरेज।

3. सीनियर सिटीजन प्लान

बुजुर्गों के लिए विशेष सुविधाएँ।

4. क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस

गंभीर बीमारियों पर एकमुश्त राशि।

5. ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस

नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को दिया जाने वाला बीमा।

 

ज़रूरी इंश्योरेंस टर्म्स (आसान भाषा में)

  • को-पेमेंट – खर्च का कुछ हिस्सा खुद देना।

  • डिडक्टिबल – तय राशि जो खुद चुकानी होगी।

  • सम इंश्योर्ड – कवरेज की अधिकतम सीमा।

  • टॉप-अप प्लान – बेस कवरेज खत्म होने पर अतिरिक्त सुरक्षा।

  • प्री-एक्सिस्टिंग डिजीज – पॉलिसी से पहले मौजूद बीमारी।

  • नो क्लेम बोनस – बिना क्लेम के अगले साल कवरेज बढ़ना।

  • सब-लिमिट – कुछ खर्चों पर तय सीमा।

ऐड-ऑन (अतिरिक्त लाभ)

    • एयर एंबुलेंस कवर

    • वार्षिक हेल्थ चेकअप

    • नो क्लेम बोनस शील्ड

    • महंगाई के हिसाब से कवरेज बढ़ाने वाला इन्फ्लेशन शील्ड

    • सीनियर सिटीजन के लिए को-पेमेंट माफी

स्वास्थ्य बीमा से जुड़ी गलतफहमियां – सच और झूठ

  • केवल बुजुर्गों के लिए – ❌ गलत, यह हर उम्र में जरूरी है।

  • पॉलिसी लेते ही कवरेज शुरू – ❌ नहीं, अक्सर 30 दिन का वेटिंग पीरियड होता है।

  • सबसे सस्ता प्लान ही सही – ❌ सस्ता मतलब कम कवरेज, इसलिए लाभ को प्राथमिकता दें।

  • पहले से मौजूद बीमारी पर बीमा नहीं – ❌ मिलता है, बस शर्तें अलग हो सकती हैं।

  • ग्रुप प्लान काफी है – ❌ नौकरी बदलने पर खत्म हो जाता है, इसलिए निजी बीमा जरूरी।

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