टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे से पहले बुरी खबर आई है। तिहरा शतक जड़ने वाले धाकड़ बल्लेबाज़ Priyank Panchal ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है।
Priyank Panchal Retirement 2025: गुजरात के पूर्व कप्तान और इंडिया ए के शानदार बल्लेबाज प्रियंक पांचाल ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। सोमवार को प्रियंक पांचाल के सन्यास की जानकारी खुद गुजरात क्रिकेट संघ ( जीसीए) ने दी। 35 वर्षीय प्रियंक पांचाल के सन्यास लेने के बाद गुजरात क्रिकेट संघ के सचिव अनिल पटेल ने कहा कि मैं प्रियंक पांचाल को उनके शानदार करियर की बधाई देता हूं। उन्होंने गुजरात के टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। सन्यास का फैसला उनका व्यक्तिगत फ़ैसला है। भविष्य के लिए उन्हें बधाई।
कैसा रहा प्रियंक पांचाल, Priyank Panchal का क्रिकेट करियर
प्रियंक पांचाल कई सालों से टीम इंडिया में आने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे। लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। प्रियंक पांचाल ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट लिखा ” मेरे लिए आज एक भावात्मक क्षण है। यह क्षण मुझे बहुत क्रत्यज्ञता से भर देता है। खासकर मेरे चाहने वालों के लिए। मैं हमेशा प्रशंसकों की ओर से आने वाले सभी संदेशों को पढ़ता हूं। मैं क्रिकेट से सन्यास ले रहा हूं। सभी का धन्यवाद। प्रियंक पांचाल भले ही टीम इंडिया के लिए इंटरनेशनल स्तर पर जगह ना बना पाएं हो लेकिन घरेलू करियर उनका काफी शानदार रहा है। प्रियंक पांचाल ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 8856 रन बनाएं हैं। जिसमें 29 शतक और 56 अर्द्ध शतक शामिल है। उन्होंने एक तिहरा शतक भी जड़ा है। जो उनका (314) सर्वोच्च स्कोर है। इसके अलावा प्रियंक पांचाल ने 97 लिस्ट ए मैचों में 8 शतक और 21 अर्द्ध शतक की बदौलत 3672 रन बनाएं हैं। पांचाल ने 59 घरेलू टी 20 मैचों में 9 अर्द्ध शतक के साथ 1522 रन बनाएं हैं। बता दें कि प्रियंक पांचाल ने अपने आखिरी रणजी सीजन 2024/2025 में केरल के खिलाफ खेलते हुए 148 रनों की पारी खेली थी।
प्रियंक ने पिता को किया याद
प्रियंक पांचाल साल 2021 में टेस्ट कैप हासिल करने के बेहद करीब थे। जब भारत और दक्षिण अफ्रीका की टेस्ट सीरीज होनी थी। उस समय प्रियंक पांचाल इंडिया ए के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। साथ ही घरेलू क्रिकेट में भी खूब रन बना रहे थे। लेकिन उन्हें डेब्यू करने का अवसर नहीं मिला। इसके अलावा प्रियंक पांचाल ने आईपीएल भी नहीं खेला। सोमवार को सन्यास लेने के बाद प्रियंक पांचाल अपने पिता को याद करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि बड़े होते हुए हर इंसान अपने पिता को देखता है। उनको अपना आदर्श मानता है, उनसे प्रेरणा लेता है। मेरे पिता मेरी ताकत दे। उन्होंने जो मुझे ऊर्जा दी, उससे मैं प्रभावित हुआ। उन्होंने जिस तरह से मेरे सपनों को सच करने के लिए प्रेरित किया। छोटे शहर से आने वाले लड़के को टीम इंडिया की कैप पहनने का सपना दिखाया। वो बहुत पहले मुझे छोड़कर चले गए। ये सपना मैं दो दशकों तक अपने साथ लिए था। मैं आज क्रिकेट के सभी प्रारूपों से सन्यास लेता हूं।
कौन है प्रियंक पांचाल
प्रियंक पांचाल का जन्म 9 अप्रैल 1990 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। बचपन से ही क्रिकेट के प्रति जोश और जुनून खूब देखने को मिला। बचपन से ही क्रिकेटर बनने और टीम इंडिया की जर्सी पहनने का ख्वाब लिए प्रियंक पांचाल ने कभी मेहनत से समझौता नहीं किया। दाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने टीम के लिए हमेशा ओपनिंग की भूमिका निभाई। साल 2003 में अंडर 15 में पॉली उमरीगर ट्राॅफी ने प्रियंक पांचाल ने अपना जलवा बिखेरा। प्रियंक ने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत 2008 में की थी। उन्होंने हमेशा गुजरात टीम का ही प्रतिनिधित्व किया है। 2008 में ही प्रियंक पांचाल ने लिस्ट ए के अपने पहले ही मैच में 123 रनों की पारी खेलकर सनसनी मचा दी। इसके बाद साल 2016 में तो उन्होंने तिहरा शतक जड़कर अपने इरादे और मजबूत कर दिए। साल 2021 में प्रियंक पांचाल को चोटिल रोहित शर्मा की जगह दक्षिण अफ्रीका सीरीज में चुना गया। लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला।इसके बाद फरवरी 2022 में श्री लंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में फिर मौका मिला। लेकिन वो बेंच पर ही बैठे रहे। इसके बाद उन्हें मौके मिलना बंद हो गए। और इस तरह भारत के लिए खेलने का सपना उनका अधूरा रह गया |
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