नमसा योजना में फर्जीवाड़े का चल रहा खेल

News Desk
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अपात्र योजना का ले रहे लाभ, शासन के नियमों को ठेंगा दिखाता विभाग

अश्विनी श्रीवास्तव
चित्रकूट। जिला में नमसा योजना पर जमकर धांधली करने का मामला प्रकाश में आया है आपको बता दूं कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा संचालित नमसा योजना के शुरू होने से यह लग रहा था कि किसानों की आर्थिक स्थिति अब पहले से सुदृढ़ हो जाएगी किसान परम्परागत खेती के अलावा स्थायी कृषि यानि ऑफ सीजन में भी महंगी फसलों का उत्पादन कर मोटा मुनाफा कमा सकेंगे व पशुपालन के जरिए भी किसान अपनी आर्थिक स्थिति और अधिक मजबूत कर सकेंगे। इसके लिए केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने नेशनल संस्टेनेबल एग्रीकल्चर (नमसा) योजना लागू की है। इस योजना में किसान की ओर से कोई भी गतिविधि अपनाए जाने पर सरकार की ओर से लागत की आधी राशि या अधिकतम 1 लाख रूपए का अनुदान के रूप में सहायता दी जाएगी।

नेशनल मिशन संस्टेनेबल एग्रीकल्चर (नमसा) योजना के तहत जिले में पांच कलस्टर बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है इस योजना में जिले के उन प्रगतिशील किसानों को शामिल किया जा रहा है, जिनके पास कम से कम एक हेक्टेयर या इससे अधिक भूमि उपलब्ध हो। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालन आदि गतिविधियों के जरिए किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है।

किसानों को परम्परागत खेती के अलावा जल संरक्षण, जल संवर्द्धन, जल प्रबंधन, जलवायु ग्राहीयता, पशुपालन, चारा उत्पादन, फॉर्म पौण्ड, ग्रीन हाउस, पॉली हाउस की गतिविधि अपनाने पर प्रत्येक किसान को एक लाख रूपए तक का अनुदान दिया जा रहा है lनमसा योजना के तहत प्रत्येक कलस्टर में 37 किसानों को भैंस पालन के लिए प्रत्येक भैंस पर 30 हजार रूपए का अनुदान दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है l

चारा प्रदर्शन पर 10 हजार रूपए का अनुदान दिया जाएगा। 6 किसानों को बागवानी, 20 किसानों को भेड़-बकरी पालन, 5 को चरागाह तथा एक-एक किसान का ग्रीन व पॉली हाउस बनाने का लक्ष्य रखा गया है l

जिले में नमसा योजना के तहत चयनित ग्राम पंचायत मुकुंदपुर, बगैहा, खमभरिया, सहित अन्य चयनित ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा है l

जिम्मेदार अधिकारियों व ग्राम प्रधानों की मिलीभगत से किसानों को लाभ से वंचित किया जा रहा है l

नमसा योजना के लाभार्थियों को विभागीय अधिकारियों व दलालो के द्वारा लूटने का काम किया जा रहा है l बकरी पालन, भेड़ पालन व भैंस पालन के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है जिसमें लाभार्थियों के निजी जानवरों पर टैग लगाकर सरकारी पैसे का बंदरबाट किया जा रहा है l

विभाग द्वारा तैनात किए गए दलालो के माध्यम से जनता को लूटने का काम किया जा रहा है l सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा संचालित नमसा योजना में ग्राम प्रधान व जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी पैसे का जमकर बंदरबांट किया जा रहा है बकरी पालन व भैंस पालन के लिए दिए जा रहे हैं अनुदान में जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत देखते ही बनती है जहां पर ग्राम प्रधानो व दलालों से मिलकर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा आम जनता को लूटने का काम किया जा रहा है l

भूमि संरक्षण कृषि विभाग की नमसा योजना में भूमि संरक्षण अधिकारी व उप निदेशक कृषि की भूमिका संदिग्ध लग रही है जिसमें ग्राम प्रधानों व दलालों के माध्यम से लाभार्थियों से मनमाने तरीके से पैसे ऐंठने का काम किया जा रहा है l

आखिर ऐसे लापरवाह अधिकारियों व ग्राम प्रधान सहित दलालों के ऊपर जिला प्रशासन कब शिकंजा कसने का काम करेगा।

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