मनीष गर्ग
नेता प्रतिपक्ष डाॅ. गोविन्द सिंह ने कहा है कि भोपाल का प्रस्तावित मास्टर प्लान भोपाल की जनता के साथ धोखा है और वो इसका घोर विरोध करते हैं। प्रस्तावित मास्टर प्लान में कोलार एवं रातीबड़ के बीच की जमीन के बड़े भाग को सिटी फाॅरेस्ट एरिया घोषित किया गया है। सिटी फाॅरेस्ट क्षेत्र में किसान खेती बाड़ी नहीं कर सकते हैं, न ही किसी प्रकार व्यावसायिक गतिविधियां या निर्माण कर सकते हैं। इसी तरह से रायसेन रोड पर प्रस्तावित मास्टर प्लान में जमीन का बहुत बड़ा हिस्सा सिटी फाॅरेस्ट कर दिया गया है जिससे लाखों किसान खेती करने से वंचित हो जाएंगे और बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। उन्होने कहा कि ये मास्टर प्लान भेदभावपूर्ण, जमीनों को हड़पने की साजिश और लाखों किसानोंं को बर्बाद करने का प्लान है। ये वास्तव में भारतीय जनता पार्टी ने किसानों को बर्बाद करने का प्लान तैयार किया है। उन्होने कहा कि ये पूंजीपतियों व्यापारियों से सांठगांठ कर उनसे वसूली करके उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए इस तरह की योजना बना दी गई है।
डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि मास्टर प्लान में आर-4 रेजीडेंस जनरल (आवासीय सामान्य) में एफएआर में 0.25 निर्माण की परमिशन रहेगी।यानी 75 प्रतिशत भूमि बेकार हो जाएगी। एफएआर में निर्माण के अतिरिक्त निर्माण करने पर सरकार से फ्लोर एरिया रेजीडेंस जमीन का अनुपात निर्माण करने का अधिकार खरीदना पड़ेगा। प्रस्तावित मास्टर प्लान में सेवनिया ग्राम को जोकि बड़े तालाब से लगा हुआ है, उसका कुछ भाग आवासीय प्रस्तावित है और ग्राम बरखेड़ा नाथू के फार्म हाउस में किया गया निर्माण अवैध है। उसकी जांच होनी चाहिए जिसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि मास्टर प्लान में हेराफेरी की साज़िश की गई है और आखिर उसके लिए कौन जिम्मेदार है ? मास्टर प्लान में हेराफेरी करने से व्यवस्थित शहर बसाने की बजाय अवैध निर्माण/कालोनियां निर्मित होंगी जिससे अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होगी। उन्होने कहा कि इस तरह से प्रस्तावित भोपाल मास्टर प्लान के माध्यम से बीजेपी सरकार जनता को लूटने का प्रयास कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अवैध कालोनियों को वैध करने के लिए जो घोषणा की है, ऐसी स्थिति में प्रस्तावित मास्टर प्लान का क्या औचित्य रह जाएगा। मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। उन्होने कहा कि वो मुख्यमंत्री को पत्र लिख रहे हैं कि अगर इसे तानाशाही तरीके से पास कर देंगे तो दिसंबर में जब कांग्रेस की सरकार बनेगी तो वो इस मास्टर प्लान को बदल देंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीजेपे की सारे नेता इस लूट में शामिल हैं। आप भी खाएं हम भी खाएं..चोर चोर मौसेरे भाई। उन्होने कहा कि मास्टर प्लान बनाते समय विपक्ष से कोई चर्चा नहीं की गई है जबकि डेमोक्रेसी में सबसी राय लेना जरुरी है। उन्होने कहा कि वो इस मास्टर प्लान का विरोध करते हैं और सीएम शिवराज सिंह से अनुरोध करते हैं कि एक बार विपक्ष के साथ चर्चा कर इसपर फिर से विचार किया जाए