नई दिल्ली (राजेश शर्मा)- न्यूट्रास्यूटिकल के क्षेत्र में मार्केटिंग, विनिर्माण, शोध और विकास जैसी विविधतापूर्ण हितों वाली अग्रणी विनिर्माण कंपनी जियॉन लाइफसाइंसेज (जियॉन) ने आज उपभोक्ता स्वास्थ्य और बेहतरी के क्षेत्र में रणनीतिक विविधताओं के साथ विस्तार की घोषणा की। इसके लिए कंपनी ने वनस्पति आधारित इम्युनिटी बूस्टर सप्लीमेंट की जियोन्यूट्रा रेंज पेश की है। जियोन्यूट्रा रेंज के कुछ मुख्य उत्पादों में सामान्य स्वास्थ्य एवं बेहतरी, पुरुषों की सेहत, महिलाओं की सेहत, बच्चों की सेहत, मेडिकल न्यूट्रिशन, वजन नियंत्रण जैसे उत्पाद शामिल हैं। ये सभी उत्पाद अमेजन, फ्लिपकार्ट, 1एमजी आदि जैसे ई—कॉमर्स चैनल तथा जियोन्यूट्रा के जरिये समस्त भारत में बेचे जाएंगे।
कोविड—19 की महामारी ने आज इम्युनिटी को हमारे बेहतर स्वास्थ्य का बहुत महत्वपूर्ण पहलू बना दिया है। व्यक्तिगत स्तर पर कोविड—19 समेत सभी तरह के वायरल संक्रमण से लड़ने के लिए ज्यादातर पोषाहार और परहेज संबंधी सिफारिशें खानपान और इम्युनिटी पर ही आधारित हो गई हैं। दरअसल, मौजूदा हालात ने सिखा दिया है कि खानपान का मनुष्य की प्रतिरक्षा प्रणाली और रोग संवेदनशीलता पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है। महामारी के दौरान कई लोगों ने इस सच्चाई को महसूस किया है और इसी अनुसार अपने खानपान तथा व्यायाम के साथ—साथ हेल्थ सप्लीमेंट भी लेना शुरू कर दिया है।
मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए जियॉन लाइफसाइंसेज ने इम्युनिटी बूस्टर, डेली हेल्थ एंड वेलनेस, ताकत और जोश, ब्यूटी एवं वेलनेस, बोन हेल्थ तथा एंड्योरेंस, हेल्दी वेट जैसे विभिन्न वर्गों के वनस्पति आधारित उत्पाद की संपूर्ण नई रेंज पेश करने का फैसला किया है ताकि ‘हर किसी की अच्छी सेहत’ का वादा पूरा किया जा सके।
कंपनी के रणनीतिक निर्णय के बारे में विस्तार से बताते हुए जियॉन लाइफसाइंसेज के प्रबंध निदेशक सुरेश गर्ग ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारतीय उपभोक्ता अपनी सेहत और तंदुरुस्ती को लेकर बहुत सतर्क हो गए हैं। वे उन उत्पादों का उपयोग करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं जिन पर उनका और उनके प्रियजनों का भरोसा कायम हो सके। इस लिहाज से जियोन्यूट्रा प्राकृतिक उत्पाद के रूप में उपयुक्त है। यह सिर्फ सेहत और तंदुरुस्ती का ही उत्पाद नहीं देती है, बल्कि स्रोत से लेकर सील किए जाने तक विशुद्धता के आश्वासन के साथ सर्वोच्च क्वालिटी के उत्पाद पेश करने के तीन दशक से अधिक समय का अनुभव और प्रतिबद्धता रखती है।’
कंपनी अब ऐसे शोध आधारित न्यूट्रास्यूटिकल उत्पादक के तौर पर उभरने के लिए अपना आरएंडडी (शोध एवं विकास) तथा विनिर्माण क्षमताएं बढ़ाने में निवेश कर रही है जो इसके ग्राहकों को ज्यादा लाभान्वित कर सकें। इस प्रयास का ब्रिटेन स्थित आॅप्टिबायोटिक्स और आईएमएसी/एडीएफएसी की सहायक कंपनी जीएलएन लैब्स, यू के साथ इन—लाइसेंसिंग समझौते के जरिये जियॉन पर असर पड़ा और पेटेंट कराए इनग्रेडिएंट की आउट—लाइसेंसिंग से विकसित प्रभावी उत्पाद बाजार में आए। कंपनी अपनी क्षमता पेप्टाइट साइंस में भी बढ़ रही है और भारत में एक विशेष प्रस्ताव फंक्शनल न्यूट्रिशन पोर्टफोलियो विकसित कर रही है। इसके अलावा कंपनी ने हाल ही में अपने फाइटोफार्मा उत्पादों की पहली रेंज विकसित करने में सफलता पाई है और विभिन्न थेराप्यूटिक क्षेत्रों के लिए अन्य इसी तरह के वर्गों वाले उत्पादों का विकास जारी रखी है। इसकी विस्तारित शोध एवं विकास परियोजनाएं इम्युनिटी बूस्टर, एंटी—वायरल, रेस्पायरेटरी, एंटी—कैंसर, न्यूरोडिजेनरेटिव डिसआॅर्डर, आॅस्टियोअर्थराइटिस, किडनी हेल्थ, आई हेल्थ, पीसीओएस/पीसीओडी आदि जैसे मेडिकल न्यूट्रिशन के लिए विशिष्ट सामाजिक—आर्थिक लाभ पर आधारित हैं।