ट्रंप का बयान और चीन को चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चीन पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अगर चीन अमेरिका को दुर्लभ चुंबक (Rare Magnets) नहीं देगा, तो उस पर 200 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक विवाद लगातार गहराता जा रहा है।
अमेरिका-चीन व्यापार विवाद और चुंबक संकट
दरअसल, चीन दुर्लभ धातुओं और चुंबकों की आपूर्ति में अहम भूमिका निभाता है। हाल ही में चीन ने कई दुर्लभ मृदा उत्पादों और चुंबकों को अपनी निर्यात प्रतिबंध सूची में डाल दिया था। यही कारण है कि अमेरिका को डर है कि चीन इस आपूर्ति को हथियार की तरह इस्तेमाल कर सकता है।
व्हाइट हाउस में ट्रंप का संतुलन
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि चीन के साथ अमेरिका के “बेहतरीन रिश्ते” होंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के पास अपने-अपने “कार्ड्स” हैं, लेकिन वे उन्हें इस्तेमाल नहीं करना चाहते। ट्रंप ने साफ कहा कि अगर वे अपने कार्ड्स खेलेंगे तो चीन बर्बाद हो जाएगा, लेकिन वह ऐसा नहीं करना चाहते।
भारत पर टैरिफ और नई डेडलाइन
ट्रंप ने भारत पर भी 50% टैरिफ लगाया है, हालांकि अभी तक यह लागू नहीं हुआ है। इसकी डेडलाइन जल्द खत्म होने वाली है। भारत पहले से ही रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर ट्रंप के निशाने पर रहा है। पहले भारत पर 25% टैरिफ लगाया गया था, फिर इसे बढ़ाकर 50% कर दिया गया।
भारत-चीन नजदीकी से चिढ़े ट्रंप?
हाल के दिनों में भारत और चीन के रिश्ते सुधरते दिख रहे हैं। चीन ने भारत को Rare Earth Material और टनल बोरिंग मशीन (सुरंग खोदने वाली मशीन) देने का आश्वासन दिया है। इससे ट्रंप नाराज नज़र आते हैं। ट्रंप को भारत और चीन की नजदीकी के साथ-साथ भारत के रूस से तेल खरीदने पर भी आपत्ति है।
चीन पर सख्ती और भारत के लिए संकेत
ट्रंप के बयान से यह साफ है कि अमेरिका चीन पर दबाव बनाने के लिए बड़े कदम उठा सकता है। 200% टैरिफ की धमकी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। वहीं भारत के लिए भी यह संदेश है कि ट्रंप की नीतियों का असर सिर्फ चीन ही नहीं, बल्कि भारत के व्यापार पर भी पड़ सकता है।

