संजय सोनी ——
जिला कलेक्टर ने की अभियान की तैयारियाें की समीक्षा
झुंझुनू। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान का प्रथम चरण 1 जुलाई से शुरू होगा व 17 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान में प्रतिदिन राज्य स्तर पर सुपरविजन होगा। अभियान को लेकर जिला स्तर द्वारा जिले की प्रत्येक सीएचसी-पीएचसी स्तर पर माईक्रोप्लान तैयार करवाया जा रहा है। जिला कलक्टर रवि जैन ने संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों व चिकित्साधिकारियाें को अभियान के दौरान अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुभाष खोलिया ने बताया कि इस अभियान का मूल उद्देश्य ऎसे टीबी रोगियों को खोजना है, जो जांच व जानकारी के अभाव में टीबी के इलाज से वंचित हैं और अपने साथ-साथ दूसरों को भी टीबी रोग से संक्रमित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर रवि जैन ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान की तैयारियों की समीक्षा की और अभियान से संबंधित चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए। जैन ने समस्त बीसीएमओ से कहा कि अभियान से पूर्व तैयार होने वाले माईक्रोप्लान के अनुसार अभियान में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने अभियान के संबंध में आगामी तीन दिन बाद पुनः समीक्षा करने की बात कही।
डॉ. खोलिया ने बताया कि अभियान के दौरान ऎसे सभी दूरस्थ गांव-ढ़ाणियों, खनन क्षेत्र, कुपोषित वर्ग, कच्ची बस्तियाें, झुग्गी-झोंपड़ी, ईंट-भट्टे, शहरी निर्माण क्षेत्र आदि क्षेत्रों में स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा डोर टू डोर सर्वे करेंगे और चिन्हित संभावित टीबी ग्रसित घरों व सदस्यों की बलगम की जांच के लिए निकटवर्ती स्वास्थ्य केंद्र पर भिजवाना सुनिश्चित किया जाएगा। अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मियाें के दल द्वारा निर्धारित क्षेत्र में भ्रमण के दौरान प्रत्येक घर के सभी सदस्याें से व्यक्तिगत पूछताछ करना, केवल संभावित लक्षणों के आधार पर ही घर के सदस्यों से विचार-विमर्श करना तथा टीबी के संभावित लक्षण पाये जाने पर बलगम की जांच करवाने के साथ-साथ परिवार के सदस्यों को टीबी से संबंधित संपूर्ण जानकारी दी जाएगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. प्रहलाद दायमा ने बताया कि संभावित टीबी रोगी में मुख्य रूप से दो सप्ताह से ज्यादा खांसी आना, लंबे समय से बुखार, वजन में कमी व खांसी के साथ बलगम आना आदि लक्षण होते हैं। डॉ. दायमा ने बताया कि संबंधित लक्षणों वाले संभावित टीबी रोगियाें को खोजने के लिए अभियान के दौरान चिन्हित क्षेत्र में स्वास्थ्यकर्मी दल द्वारा 10 से 15 घरों का प्रतिदिन भ्रमण किया जाएगा और घरों पर मार्किंग की जाएंगी। साथ ही छूटे हुए घरों पर क्रोस का निशान लगाने के साथ-साथ अगले दिन संबंधित घर को कवर किया जाएगा।
राज्य स्तर पर प्रतिदिन होगी अभियान की समीक्षा
आरएनटीसीपी जिला कार्यक्रम समन्वयक आनंद चौधरी ने बताया कि अभियान के दौरान प्रत्येक सीएचसी से लेकर पूरे जिले के स्वास्थ्य केंद्राें की समीक्षा राज्य स्तर पर होगी, जिसमें प्रतिदिन पीएचसी द्वारा सीएचसी को, सीएचसी द्वारा बीसीएमओ को तथा बीसीएमओ द्वारा जिला क्षय रोग अधिकारी को प्रतिदिन रिपोर्ट निर्धारित प्रपत्र में भेजी जाएंगी। इसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा राज्य टीबी सैल को पूरे जिले की कम्पाईल रिपोर्ट प्रतिदिन 17 जुलाई तक भेजी जाएंगी।