नई दिल्ली (राजेश शर्मा)- राज्य सरकारों द्वारा हिंदू मठ मंदिरों का अधिग्रहण कर लगभग 4 लाख मंदिरों को मुक्त कराने को लेकर राजधानी दिल्ली के प्राचीन सिद्ध पीठ कालकाजी मंदिर प्रांगण के बाबा बालक नाथ मठ के निकट कालकाजी मंदिर पर देश के अलग-अलग राज्यों से आए महंतों ने संत महंतों ने हुंकार भरते हुए इन्हें मुक्त कराने का संकल्प लिया।
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्राचीन सिद्ध पीठ की कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत जी महाराज के आवाहन पर आज संकल्प लेकर पूरे देश की राज्य सरकारों से मांग की जाएगी कि वह सभी को मुक्त करें साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से जल्दी संतों का एक शिष्टमंडल मिलकर इस दिशा में सकारात्मक पहल की शुरुआत करेगा। कार्यक्रम में सभी आखाडो के प्रतिनिधियों के अलावा हरिद्वार, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित सभी राज्यों से आगे संतो व साधूओं ने सैकडों की संख्या में भाग लिया।
इस अवसर महंत श्री अवधूत ने कहा कि अब अन्य धर्मों के इसरो को सरकार ने आज तक अधिकृत नहीं किया है। आजाद भारत में सनातन हिंदू संस्कृति के प्रत्येक मठ मंदिर को ही अधिकृत क्यों किया गया। अतः इनकी मुक्ति का समय आ गया है। आज कालका मंदिर परिसर से संत इसको लेकर पूरे देश में अलग-अलग राज्यों में आंदोलन का बिगुल बजाएंगे। इस दौरान प्रांगण में मौजदा हजारों की संख्या में लोगों को साधू संतो ने अपने समाज के प्रति जिम्मेदारियों को भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि मुगल शासकों ने मंदिरों को लूटा। मगर आज की वर्तमान सरकार मठ मंदिरों को लूटने के साथ ही उस पर अधिग्रहण का काम कर रही है। जबकि यह कोई सरकार संपत्ति नहीं है। उसके बावजूद वह ऐसा करने में लगी है। उन्होंने कहा कि यह काम केवल एक ही धर्म के प्रति किया जा रहा है।
वहीं सरकार मठ मंदिरों के पैसा किसी जनसमाज के कार्यो में लगाने की बजाए, दूसरे धर्मो और अन्य कार्यो में लगाकर हमारे धर्म का अपमान कर रही है। इस दौरान उपस्थित सभी साधू संतो और हिंदू समुदाय के लोगों ने महात्माओं वाणी को सुना तथा सरकार द्वारा मठ मंदिरों को मुक्त कराने का संकल्प भी लिया।