झुंझुनू।सूरजगढ़ उपखण्ड के गांव काजड़ा में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष में विवेकानंद पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल काजड़ा में विधि शिविर का आयोजन किया गया।जिसमें पिलानी थानाधिकारी द्वारा यातायात नियमों की जानकारी दी गई।कार्यक्रम का शुभारंभ स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी आजाद हिंद फौज के सेनापति,महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्वलित कर व पुष्प अर्पित कर किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पिलानी थानाधिकारी मदन कड़वासरा व विशिष्ट अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता धर्मपाल गांधी,शिक्षाविद् पूर्व प्राचार्य नौरंग लाल व बीट प्रभारी बोदूराम मीणा रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पिलानी थानाधिकारी मदन कड़वासरा ने यातायात नियमों की जानकारी देते हुए युवाओं को मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करने और गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग करने के साथ ही यातायात संबंधित अन्य नियमों की जानकारी देते हुए विद्यालय के बच्चों को रोड पर चलते समय रोड क्रॉस करने संबंधित अन्य जानकारियां दी।मुख्य अतिथि ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर भी प्रकाश डाला उन्होंने अपने संबोधन में कहा नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे महान और बहादुर स्वतंत्रता सेनानी थे।भारत के इतिहास में स्वतंत्रता संघर्ष के लिए दिया गया उनका महान योगदान अविस्मरणीय है।सुभाष चंद्र बोस वास्तव में भारत के सबसे बहादुर हीरो थे।जिन्होंने अपनी मातृभूमि की खातिर अपना घर और आराम त्याग दिया था।विदेश में जाकर आजाद हिंद फौज का गठन किया और भारत आजादी के लिए हिंसा का रास्ता चुना।संस्था निदेशक मनजीत सिंह तंवर ने अपने संबोधन में कहा स्वतंत्रता संग्राम के समय नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा दिए गये नारे “तुम मुझे खून दो,मैं तुम्हें आजादी दूंगा” व “जय हिंद” जैसे नारों से आजादी की लड़ाई को नई ऊर्जा मिली थी।नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में शुमार होते हैं,जिनसे आज के दौर का युवा वर्ग प्रेरणा लेता है।उनका “जय हिंद” का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया।उन्होंने सिंगापुर के टाउन हाल के सामने सुप्रीम कमांडर के रूप में सेना को संबोधित करते हुए “दिल्ली चलो” का नारा दिया था।आजाद हिंद फौज द्वारा अंग्रेजों पर आक्रमण करने से पहले गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर सुभाष चंद्र बोस ने ही संबोधित किया था।भारत की आजादी में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है,वह सच्चे राष्ट्रभक्त थे विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा मंचासीन अतिथियों का शाॅल ओढ़ाकर और मोमेंटो भेंट कर स्वागत किया गया।जयंती समारोह में हनुमान कुमावत,राकेश मनीठिया,प्रताप सिंह तंवर,अशोक स्वामी,राय सिंह शेखावत, होशियार सिंह,नंदलाल,रोहतास गुर्जर,अजय बुडानिया,जितेंद्र सिंह,आनंद शर्मा,विष्णु कुमावत,रामनिवास,अशोक कुमार,पूजा स्वामी,राकेश पूनिया,सरोज स्वामी,पूजा शर्मा, रामनिवास कुमावत,राजेंद्र कुमार,विनोद शर्मा, राज कुमार,राजेश कुमार,दिनेश कुमार आदि अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय प्राचार्य मंजू तंवर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता जगदीश प्रसाद सेन ने की और कार्यक्रम का संचालन अनिल जांगिड़ ने किया।