जिले में आदिवासियों की जमीनों पर बने हुए कथित अवैध चर्च एवं प्रार्थना घरों के विरोध में 16 जनवरी 2023 को आदिवासी समाज द्वारा विहिप बजरंग दल के नेतृत्व में उग्र आंदोलन किया गया।
झाबुआ जिले के कल्याणपुर क्षेत्र के निकट मुंडत गांव में बने कथित अवैध चर्च को सील करने की मांग को लेकर विहिप द्वारा “धर्मांतरण मुक्त झाबुआ अभियान” के छठे चरण की शुरुआत की गई।
पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकली विशाल वाहन रैली
ग्राम कल्याणपुरा से विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा अवैध निर्माण स्थल वाले गांव मुंडत तक सैकड़ों वाहनों और हजारों कार्यकर्ताओं की विशाल वाहन रैली निकाली गई।
कथित अवैध निर्माण से करीब 500 मीटर की दूरी पर धर्म सभा का आयोजन किया गया।
धर्म सभा में विशेष रूप से विभिन्न आदिवासी संगठनों के प्रमुखों के साथ आदिवासी संत समाज एवं विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के पदाधिकारियों द्वारा सभा को संबोधित किया गया।
आदिवासियों की पीड़ा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी
मुख्य वक्ता प्रांत मंत्री सोहन विश्वकर्मा द्वारा जिले में बिना कलेक्टर की अनुमति के चल रहे आदिवासियों के अवैध ईसाई धर्मांतरण को लेकर आक्रोश व्यक्त किया गया। विश्वकर्मा ने आदिवासियों की जमीनों पर अवैध रूप से बनाए गए चर्चों के विरुद्ध आदिवासी संगठनों द्वारा दिए गए सैकड़ों ज्ञापनों की अनदेखी करने एवं आदिवासियों को लगातार उत्पीड़ित करने का आरोप जिल प्रशासन पर लगाया।
आदिवासी संगठन प्रमुख प्रेम सिंह डामोर द्वारा बताया गया कि आदिवासियों की ज़मीन पर बिना डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की अनुमति के बने 56 अवैध निर्माणों की जानकारी 2 वर्ष पहले ही जिला प्रशासन को दे दी गई थी। तत्कालीन कलेक्टर एवं एसडीएम द्वारा निकाले गए आदेशों के बावजूद आदिवासियों की एक भी मांग पूरी नहीं की गई।
आदिवासी संगठनों द्वारा विधि विरुद्ध धर्मांतरण के आरोप में अपनी मांग स्पष्ट करते हुए ग्राम मुंडत में आदिवासी की जमीन पर बिना अनुमति बने चर्च को सील करने की मांग की गई। संगठन प्रमुखों द्वारा कहा गया कि ऐसा नहीं किए जाने की स्थिति में अपनी संस्कृति को बचाने के लिए आदिवासी समाज खुद इस अवैध निर्माण को तोड़ देगा।
जिला प्रशासन के अनिर्णय से हुआ चक्का जाम
जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम सुनील झा एवं एसडीओपी सोनू डावर द्वारा आदिवासी संगठनों से बिना अनुमति किए गए निर्माण एवं धर्मांतरण की शिकायतों को लेकर चर्चा की गई।
जिला प्रशासन द्वारा काफी देर तक कोई निर्णय न लिए जाने पर आंदोलनकारी सड़क पर आ गए एवं चक्का जाम कर दिया। इसी बीच दो मौकों पर आक्रोशित भीड़ विवादित घटनास्थल की और बढ़ने लगी जिसे संगठन प्रमुखों द्वारा काफी मशक्कत के बाद किसी तरह रोका गया। लगभग 45 मिनट के चक्का जाम के बाद एसडीएम एवं एसडीओपी से प्राप्त न्यायोचित कार्यवाही के आश्वासन पर चक्का जाम खोला गया।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी
पीड़ित आदिवासी शिकायतकर्ता से लिखित में प्राप्त आवेदन के आधार पर जिला पुलिस द्वारा विधि विरुद्ध धर्मांतरण के घटनास्थल पर ताला लगाने एवं आरोपी मिशनरियों पर “मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 3,5,10(2) के अंतर्गत कार्यवाही किया जाना बताया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 आरोपी पीथा भुरिया हिरासत में है जबकि एक अन्य आरोपी पॉल मुनिया अभी तक फरार है।
पुलिस पर यकीन नहीं तो खुद जाकर करी ताला बंदी की पुष्टि
आदिवासी संगठनों द्वारा मांग की गई की ताला बंद किए गए घटनास्थल को प्रत्यक्ष रूप से देख कर ही आंदोलनकारी प्रशासन की कार्रवाई को मान्य करेंगे। एसडीओपी सोनू डावर द्वारा 5 आदिवासी संगठन प्रमुखों को विवादित निर्माण पर ले जाकर ताला बंदी की कार्यवाही होने की पुष्टि कराई गई। अंत में विहिप बजरंगदल के पदाधिकारियों द्वारा समाज को कथित अवैध चर्च पर ताला लगाने एवं आरोपी पादरियों पर एफआईआर दर्ज होकर, एक की गिरफ्तारी करने की सूचना दी गई, जिसके उपरांत सभा का समापन किया गया।