मैहर में चोरों को अभयदान दिए है कबाड़ी, इन दिनों मैहर में बड़ी से बड़ी वाहन भी मिनटों में हो जाते धरासाई, जिम्मेदार विभाग गहरी नींद में।
गोवर्धन गुप्ता मैहर। में सोनवरी टोलवे के पास एक ऐसा कबाड़खाना जहाँ किसी भी तरह का कबाड़ चला जाये मलवा का ढेर बनते देर नही लगती सूत्र बताते है कि हर दिन छोटी बड़ी गाड़ियों की भी कटिंग की जाती है लेकिन गाड़ियों का हर वो अंग पहले नस्ट का दिया जाता जहाँ से उसकी पहचान होती है ऐसे में अगर चोरियों की भी गाड़ियों को खपा दिया जाए तो कोई सुराग नही लगेगा जानकारों की माने तो दर्जनों गाड़ियों कटिंग कर डैमेज किया जाता है क्या उन गाड़ियों को आरटीओ विभाग की किसी तरह की गाइडलाइन है जिसके तहत इन गाड़ियों को कटिंग करने के बाद परिवहन विभाग की पोर्टल से भी नाम पता हट जाता हो ऐसे में अगर गाड़ियों की कटिंग होने के बाद उन वाहनों के नम्बर का चोरियों के गाड़ियों में कबाड़ी के साथ मिलजुलकर उपयोग कर चोर सड़को पर फर्राटे भर सकते है, और पुलिस के लिए चोरी की गाड़ियों को पकड़ना भी काफी कठिन हो सकता है, अब सवाल यह उठता है कि वाहनों सम्बंधित गाइडलाइन अनुसार मैहर में कितने कबाड़ियों को अनुमति विभाग द्वारा दी गई है, और गाड़ियों की कटिंग करने हेतु किस तरह के नियम व शर्ते है ये आरटीओ विभाग ही बता पायेगा इस संबंध में जब सतना आरटीओ अधिकारी संजय श्रीवास्तव से फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो साहब का कभी फोन ही नही उठता, अब लोगो मे ये भी चर्चा जोरों से है कि क्या ये कबाड़ियों के यहां गाड़ियों की कटिंग में जिला परिवहन विभाग की मिलीभगत तो नही सूत्रों की माने तो कबाड़ियों के गाड़ियों में लोडिंग करते समय सबसे पहले उन सामानों को नीचे लोड किया जाता जो चोरी की होती है ताकी अगर जांच में भी फंसेंगे तो केवल उपर ऊपर ही जांच कर गाड़ियों को छोड़ देते है इसका सबसे बड़ा फायदा की चोरियों की समान भी पार कर भेज दिया जाता है,
अभी केजेएस कालोनी में हुई चोरी का खुलाशा पुलिस ने जिस तरह किया जिसमें कई सुनारों को उठाया गया था तो बहुत बड़ी चोरी का खुलाशा हुआ उसी तरह कबाड़ियों पर भी पुलिस दबिश दे तो बहुत कुछ खुलाशा हो सकता है