घटना कैसे हुई?
मध्य प्रदेश के उज्जैन में शनिवार देर रात एक बड़ा हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि रामघाट के पास बने पुल से पुलिस की एक कार अचानक फिसलकर शिप्रा नदी में जा गिरी। कार में तीन पुलिसकर्मी मौजूद थे – उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा (TI), उप निरीक्षक मदनलाल निमामा और महिला आरक्षक आरती पाल।
ये तीनों एक गुमशुदा नाबालिग लड़की की तलाश में जा रहे थे, लेकिन सफर के दौरान उनकी कार अनियंत्रित होकर सीधे नदी में समा गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन और अब तक की स्थिति
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स्थानीय प्रशासन ने तुरंत एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और गोताखोरों की मदद से राहत अभियान शुरू किया।
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रातभर तलाशी अभियान चलता रहा और रविवार सुबह तक एसआई मदनलाल निमामा का शव नदी से बरामद किया गया।
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इससे पहले थाना प्रभारी अशोक शर्मा का शव भी बरामद हो चुका था।
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फिलहाल, महिला आरक्षक आरती पाल की तलाश जारी है और गोताखोर लगातार नदी में खोजबीन कर रहे हैं।
हादसे की बड़ी वजह
मामले की जांच में सामने आया है कि जिस पुल से गाड़ी गिरी, वहां सुरक्षा रेलिंग नहीं थी। यही वजह है कि कार सीधे नदी में जा गिरी। शिप्रा नदी का पानी तेज़ी से बह रहा था, जिस कारण बचाव कार्य बेहद कठिन हो गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते पुल पर मजबूत रेलिंग लगाई जाती, तो यह दुखद हादसा टाला जा सकता था।
सवाल उठते हैं
यह हादसा कई सवाल खड़े करता है:
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आखिर पुलिस की गाड़ी जिस पुल से गुज़री, वहां सुरक्षा इंतज़ाम क्यों नहीं थे?
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प्रशासन को पहले से पता था कि नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है, फिर भी सतर्कता क्यों नहीं बरती गई?
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क्या उज्जैन जैसे धार्मिक और पर्यटन केंद्र वाले शहर में पुल और सड़कों की सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है?