भोपाल। बच्चे के जन्म से लेकर 1,000 दिन मां और बच्चे के लिए अहम होते है लेकिन समाज का बड़ा वर्ग इससे अनजान है। दोनों की सेहत कैसे दुरुस्त रहे, इसकी जनजागृति लाने के लिए भोपाल में ‘अंश हैप्पीनेस सोसायटी’ गुरुवार देर रात से 75 से अधिक स्थानों पर नुक्कड़ नाटकों का सिलसिला शुरू करने जा रहा है। ‘अंश’ के मोहसिन खान ने आईएएनएस को बताया, “बच्चे के जन्म के बाद के लालन-पालन के 1,000 दिन सबसे महत्वपूर्ण होते है। समाज में भ्रांतियां है कि बच्चे को सबसे पहले शहद चटाया जाए, मां का दूध न दिया जाए, जबकि मां का दूध बच्चे के लिए अमृत से कम नहीं होता। नवजात शिशु को माएं क्या करें और क्या न करें। इससे अवगत कराने के लिए राजधानी में नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया जा रहा है।”
जनजागृति के लिए आयोजित की जाने वाली नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित की जा रही है। इस नाटक की पटकथा साहिल खान ने सोम्यामोय देवव्रत और यूनिसेफ के संचार विषेषज्ञ अनिल गुलाटी, पोषण विषेषज्ञ समीर पवार के सहयोग से लिखी है।
मोहसिन के अनुसार, राजधानी के 75 से अधिक स्थानों पर यह नाटक होंगे। इसे नाम दिया गया है ‘जिंदगी का तमाशा’ और इसमें 15 सदस्यों की टीम हिस्सा लेगी।
एक तरफ यह जनजागृति लाने का अभियान है, वहीं दूसरी ओर 24 घंटों में 75 से ज्यादा स्थानों पर नाटक किए जाने से एक रिकॉर्ड भी बनेगा। यह क्रम गुरुवार रात 12 बजे से शुरू होकर शुक्रवार रात 11.30 बजे तक चलेगा।