हमीरपुर- बेटे की मौत के गुनहगारो को सजा दिलाने को दरदर भटकने को मजबूर है एक माँ-आंचलिक ख़बरें-हरिश्चंद्र राजपूत

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एक माँ 8 महीने से लगातार अपने बेटे की मौत के जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने के लिए दर दर भटक रही है,लेकिन उसे न्याय तो नही मिल रहा बस मिल रहा झूठा आस्वासन और दरबदर धक्के।
जी हां ऐसा ही एक दिल को झकझोर कर रख देने का मामला सामने आया है जनपद हमीरपुर के मुस्करा थाना क्षेत्र के पहाड़ी भिटारी गांव से जहाँ आज से लगभग 8 महीने पहले 21 नवंबर की शाम को एक ऐसी घटना घटी जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया।
आपको बताते चलें कि 21 नवंबर की उस शाम को पहाड़ी भिटारी गांव निवासी चंचल पुत्र प्रमोद सोनी उम्र लगभग 22 वर्ष ग्राम बसौठ थाना खरेला जिला महोबा के पास सड़क किनारे पड़ा हुआ था।राहगीरों की सूचना पर मौके पर पहुँचे परिजनों से वहाँ से उठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुस्करा लाये जहां उसकी हालत ज्यादा नाजुक होने पर डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल हमीरपुर के लिए रेफर कर दिया।
जहां रास्ते मे ही ले जाते समय चंचल ने दम तोड़ दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उसके शरीर मे जहर होने की पुष्टि हुई।
पीड़ित परिवार ने बताया कि चंचल की मौत के जिम्मेदार गांव के ही सिद्धकुमार,अनिल,चंद्रभान,धीरेंद्र एवम अमित राजपूत हैं।
मृतक के परिजनों ने बताया कि उनके लड़के का गांव की ही एक लड़की से प्रेम प्रसंग चल रहा था इसीलिए लड़की के परिजनों ने पीड़ित परिवार को धमकाया था और उनके लड़के को जान से मारने की धमकी भी दी थी। इसलिये उन्होंने अपने लड़के को बाहर छतरपुर भेज दिया था।

मृतक ने मरने से पहले अपना एक वीडियो भी बनाया था जिसमे उसने कहा कि अगर मेरे साथ कोई भी अनहोनी होती है तो उसके जिम्मेदार उक्त लोग ही होंगे।
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाते हुए बताया कि विगत 21 नवंबर की शाम को लड़की के द्वारा फ़ोन कर उसे बुलाया गया और लौटते वक्त रास्ते मे कहीं उसे खाने पीने में जहर देकर उसे मार दिया और मरा समझ उसे बसौठ गांव के पास ही मेन सड़क पर फेंक दिया।
परिजन जब इस मामले की सूचना हेतु घटनास्थल से संबंधित थाना खरेला पहुचे तो वहाँ FIR दर्ज न कर उन्हें थाने से टालमटोल कर भगा दिया गया।
पीड़ित परिवार 4महोने लगातार दर दर न्याय के लिए भटकता रहा।
स्थानीय पुलिस के इस विपरीत रवैया से प्रताड़ित एवम हतास होकर पीड़ित परिवार ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जहां से मार्च के महीने में न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराने की अपील की और अंत मे काफी परेशानी और मसक्कत के बाद 7महीने बाद जुलाई में मामले की FIR खरेला थाने में दर्ज करते हुए उक्त 5लोगो के खिलाफ धारा 304 एवम 328 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया।
पीड़ित परिवार की परेशानियां यही खत्म नही हुई बल्कि और बढ़ गई।
पीड़ित परिवार ने बताया की स्थानीय पुलिस उल्टा पीड़ित पक्ष पर समझौता करने का लगातार दबाव बना रही है और उन्हें डराया धमकाया जा रहा है।
हालांकि मामले में लिप्त किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी अभी तक स्थानीय पुलिस नही कर पाई है इसीलिए आरोपी व्यक्तियों द्वारा भी पीड़ित परिवार को लगातार धमकियां मिल रही हैं।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर कब एक माँ को उसके बेटे की मौत पर न्याय मिलेगा?
क्या ये मामला भी सिर्फ कागजों में कही दब के दम तोड़ देगा?

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