UP municipal election results 2023 : उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव की मतगणना जारी है, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में भारी जीत की ओर बढ़ती दिख रही है. इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक मेयर पद की 17 में से 16 सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 1 सीट पर आगे चल रही है. इस बीच, शुरुआती रुझान समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं लग रहे हैं क्योंकि वे मेयर पद की दौड़ में कहीं नहीं हैं.
महापौर की सीटों पर काबिज हो सकती है बीजेपी
शहरी क्षेत्रों में अपनी व्यापक राजनीतिक स्वीकार्यता को देखते हुए, बीजेपी राज्य में महापौर की सीटों पर जीत हासिल करने की संभावना तलाश रही है. शुरुआती रुझानों के मुताबिक, बीजेपी 16 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि सहारनपुर नगर निगम सीट पर बसपा आगे चल रही है. बीजेपी लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, गाजियाबाद, अयोध्या, अलीगढ़ आदि जैसी महत्वपूर्ण मेयर सीटों पर आगे चल रही थी. हालांकि यह शुरुआती रुझान है, अंतिम परिणाम आने पर कुछ सीटों पर परिदृश्य बदल सकता है.
2017 के निकाय चुनाव में भाजपा ने मेयर पद की 16 में से 14 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि मेरठ और अलीगढ़ की दो सीटें बसपा के खाते में गई थीं.
2024 लोकसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियों की परीक्षा
जोरदार चुनाव प्रचार के दौरान, मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने अगले साल होने वाले महत्वपूर्ण संसदीय चुनावों से पहले नगर पालिकाओं में बढ़त हासिल करने के लिए चुनावी क्षेत्रों को पार किया. इस चुनाव का महत्व इसलिए है क्योंकि राजनीतिक दलों ने राज्य में 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी ताकत दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, जो लोकसभा में अधिकतम 80 सांसद भेजता है. निकाय चुनाव से पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में राजनीतिक प्रभुत्व बनाए रखने के प्रयास में 13 दिनों में 50 जनसभाओं को संबोधित किया.
यूपी शहरी स्थानीय निकाय चुनाव 2023
17 नगर निगमों, 199 नगर पालिका परिषदों और 544 नगर पंचायतों के चुनाव 4 और 11 मई को दो चरणों में हुए थे. पहले चरण में कुल मतदान प्रतिशत 52% दर्ज किया गया था, जबकि दूसरे चरण में यह 53% था। कुल 14,684 पदों के लिए ईवीएम और बैलेट पेपर दोनों से मतदान हुआ था.
उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, इनमें महापौर के 17 पद, नगरसेवकों के 1,420, नगर पालिका परिषद अध्यक्षों के 199, नगर पालिका परिषद सदस्यों के 5,327, नगर पंचायत अध्यक्षों के 544 और नगर पंचायत सदस्यों के 7,178 पद शामिल हैं. (आंकड़े मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार)
- लखनऊ में बीजेपी के उम्मीदवार 70 सीटों पर आगे चल रहे हैं.
वार्ड चार से भाजपा प्रत्याशी मालती यादव ने 2766 मतों से जीत हासिल की है.
चिनहट प्रथम वार्ड से भाजपा के अरुण राय 1683 मतों से विजयी हुए हैं।
वार्ड 57 से भाजपा प्रत्याशी आशीष कुमार हितेशी जीते हैं।
वार्ड 95 मौलवी गंज से भाजपा के मुकेश सिंह विजयी घोषित किये गये हैं.
जोन 6 में वार्ड 20, न्यू हैदरगंज से बीजेपी के विनोद यादव ने 576 वोटों की बढ़त के साथ जीत हासिल की है.
कॉल्विन कॉलेज निशातगंज वार्ड से बीजेपी प्रत्याशी प्रमोद सिंह राजन करीब 1800 वोटों से आगे चल रहे हैं.
राजीव गांधी द्वितीया वार्ड से बीजेपी के अरुण तिवारी ने 3,747 वोटों की बढ़त के साथ जीत हासिल की है.
दौलतगंज के वार्ड 94 से जोन छह के वार्ड 94 से भाजपा की रानी कनौजिया ने 431 वोटों की बढ़त के साथ जीत हासिल की है.
पेपर मिल कॉलोनी वार्ड से बीजेपी के राजेश सिंह गब्बर 5,040 वोटों की बढ़त के साथ जीत गए हैं.
लखनऊ नगर निगम चुनाव अपडेट
बीजेपी उम्मीदवार सुषमा खर्कवाल समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार वंदना मिश्रा से 41,000 से ज्यादा वोटों से आगे चल रही हैं. सुषमा खारवावाल फिलहाल 96,569 वोटों के साथ पहले स्थान पर हैं. दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी की वंदना मिश्रा 55,637 वोट लेकर हैं. बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदवार शाहीन बानो 12,882 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर हैं, आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार अंजू भट्ट 6,053 वोटों के साथ चौथे स्थान पर हैं, और कांग्रेस उम्मीदवार संगीता जायसवाल 1,400 वोटों के साथ पांचवें स्थान पर हैं.
झांसी नगर निगम के नतीजे, बीजेपी ने मेयर सीट जीती
झांसी मेयर का चुनाव बीजेपी के बिहारी लाल आर्य ने 83548 वोटों से जीत लिया है. कांग्रेस उम्मीदवार अरविंद कुमार बबलू 39,903 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. झांसी की मेयर सीट पर बीजेपी की यह अब तक की सबसे बड़ी जीत है. बीजेपी उम्मीदवार ने शुरुआत से ही बढ़त बनाए रखी और मतगणना के हर दौर में इसे बढ़ाते रहे.
देवरिया में कथित मतपत्र की अदला-बदली को लेकर बवाल
देवरिया नगर पालिका परिषद के बूथ संख्या 149 पर मतगणना के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार शिल्पी मोदनवाल के एजेंट ने ड्यूटी पर तैनात सुपरवाइजर पर शिल्पी मोदनवाल के मतपत्रों के बंडल को भाजपा प्रत्याशी के बंडल से बदलने का आरोप लगाया. इस घटना को देख वहां मौजूद अन्य एजेंटों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया. एसडीएम सौरभ सिंह व सीओ श्रेयश त्रिपाठी ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया. आरओ ने तत्काल पर्यवेक्षक को मतगणना कार्य से हटा दिया. इसके बाद शांतिपूर्ण तरीके से मामला सुलझा लिया गया. निर्दलीय उम्मीदवार शिल्पी मोदनवाल के पति अमित मोदनवाल ने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर मतगणना प्रक्रिया में हेरफेर करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने जिला प्रशासन से निष्पक्ष मतगणना प्रक्रिया की मांग की.
फ़िलहाल मतगणना अभी जारी है, वोटो की गिनती समाप्त होने के बाद ही यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि आखिर उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में किस पार्टी को जीत मिली और किस पार्टी को हार.