राधेश्याम सिंह
वसई-विरार। शहर की टूटी-फूटी सड़कें और हर कदम पर बने गहरे गड्ढे नागरिकों के लिए रोजमर्रा की समस्या बन चुके हैं। इन्हीं घटिया सड़कों और खोखले विकास के दावों के खिलाफ प्रहार जनशक्ती पार्टी द्वारा एक बड़े जनआंदोलन की घोषणा की गई है। यह आंदोलन ‘मिशन खड्डा मुक्त’ के नाम से 4 सितंबर, 2025, सुबह 11 बजे वसई-विरार महानगरपालिका मुख्यालय के सामने आयोजित किया जाएगा।
आदेश और जमीनी हकीकत में बड़ा अंतर
मामले की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्वयं गणेश चतुर्थी उत्सव से पहले शहर की सभी सड़कों के गड्ढे भरने का स्पष्ट आदेश जारी किया था। लेकिन, प्रशासनिक तंत्र और नगरपालिका के दावे जमीन पर पूरी तरह खोखले साबित हुए हैं। आज भी शहर के कई प्रमुख मार्ग गहरे गड्ढों से भरे पड़े हैं, जिसके चलते गणेश उत्सव के विसर्जन के दौरान भक्तों को भारी असुविधा और सुरक्षा जोखिम का सामना करना पड़ रहा है।
भ्रष्टाचार का आरोप: पैसा है, पर सुधार नहीं
प्रहार जनशक्ती पार्टी ने इस स्थिति के लिए सीधे तौर पर शासन व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी का आरोप है कि सड़क मरम्मत और निर्माण के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये का बजट आवंटित किया जाता है, लेकिन यह धनराशि वास्तविक कार्यों में नहीं दिखती। ठेकेदारों द्वारा अति निम्न-स्तरीय सामग्री का इस्तेमाल और निरीक्षण तंत्र की लापरवाही इस समस्या की मुख्य वजह बताई जा रही है। पार्टी ने प्रशासन को 7 दिनों का अल्टीमेटम भी दिया था, जिसकी अवहेलना के बाद अब यह आंदोलन तय हुआ है।
आंदोलन का उद्देश्य और अपेक्षित प्रभाव
इस जनआंदोलन का प्राथमिक लक्ष्य नगर निगम प्रशासन का ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर खींचना और वसई-विरार को पूर्णतः ‘खड्डा मुक्त’ बनाने के लिए एक ठोस कार्ययोजना की मांग करना है। इसकी अगुवाई पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता करेंगे, जिनके साथ सैकड़ों की संख्या में परेशान नागरिकों के शामिल होने की उम्मीद है। यह आंदोलन न केवल एक विरोध है, बल्कि नागरिक सशक्तिकरण का एक उदाहरण भी है, जो यह दर्शाता है कि जनता की आवाज उठाने से ही व्यवस्था में बदलाव संभव है।
नागरिकों के लिए सुझाव और भविष्य की राह
इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए नागरिकों को भी और सक्रिय भूमिका निभानी होगी:
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दस्तावेजीकरण: गड्ढों और खराब सड़कों की फोटos और वीडियो बनाकर रखें।
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सामूहिक शिकायत: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और आधिकारिक शिकायत पोर्टल्स पर सामूहिक रूप से शिकायत दर्ज कराएं।
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स्थानीय नेतृत्व से संवाद: अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से लगातार इस मुद्दे पर बात करें और कार्यवाही की मांग करें।
4 सितंबर का यह आंदोलन केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि वसई-विरार के नागरिकों के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति एक सामूहिक चेतना का प्रतीक है। यह देखना होगा कि क्या यह जनआवाज प्रशासन के कानों तक पहुँचती है और शहर को चिकनी, सुरक्षित सड़कें मिल पाती हैं।