गुना (गुलाबगंज कैंट)। विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad – VHP) का वार्षिक स्थापना दिवस समारोह स्थानीय बिजासन माता मंदिर परिसर में अत्यंत हर्षोल्लास और धार्मिक भावना के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में भगवान रामदरबार की पूजा-अर्चना और भारत माता की आरती का आयोजन केंद्र में रहा, जिसमें सैकड़ों लोगों ने राष्ट्र की समृद्धि एवं अखंडता की कामना की।
एक ऐतिहासिक संगठन की विरासत
कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अपने संबोधन में विहिप के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला। उल्लेख किया गया कि इस संगठन की स्थापना 29 अगस्त, 1964 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ दिन देश के प्रख्यात साधु-संतों एवं हिंदू विचारकों के मार्गदर्शन में की गई थी। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना, सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना और सनातन संस्कृति एवं मूल्यों का वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार करना था।
सामाजिक समरसता का संदेश: प्रभु श्रीराम के आदर्श
वक्ताओं ने भगवान राम के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि श्रीराम का जीवन मर्यादा, धर्मनिष्ठा और सभी वर्गों के प्रति समान आदर का प्रतीक है। इसी को आधार बनाते हुए समाज से जातिगत भेदभाव और संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर एकजुटता के साथ खड़े होने का आह्वान किया गया। यह संदेश दिया गया कि एक शक्तिशाली और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण तभी संभव है जब समाज के सभी घटक आपसी भाईचारे के साथ रहें।
कार्यक्रम का संचालन और गणमान्य उपस्थिति
इस सुव्यवस्थित आयोजन का संचालन विहिप के जिला सह संयोजक, श्री लोकेश कुशवाहा ने किया। कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाने के लिए अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें प्रांत सह प्रचार प्रसार प्रमुख श्री दीपक भार्गव, प्रांत सत्संग प्रमुख श्री सुरेश शर्मा, और डबरा जिला उपाध्यक्ष श्री रविंद्र सिंह चौहान प्रमुख थे।
सामुदायिक भागीदारी: आंदोलन की सफलता का आधार
कार्यक्रम की सफलता स्थानीय कार्यकर्ताओं और समुदाय के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर थी। इसमें श्री मोनू कुशवाह, श्री दीपक कुशवाह, श्री मोहित कुशवाह, श्री प्रदीप कुशवाह, श्री अजय कुशवाह, श्री राहुल और श्री संजय कुशवाह सहित सैकड़ों की संख्या में लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो संगठन के प्रति जनसमर्थन को दर्शाता है।
एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक
यह आयोजन केवल एक वार्षिक उत्सव मात्र नहीं था, बल्कि यह हिंदू समाज की सांस्कृतिक एकता और राष्ट्रभक्ति की भावना का प्रदर्शन था। ऐसे कार्यक्रम सामाजिक सद्भाव को मजबूत करने और युवा पीढ़ी को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विश्व हिंदू परिषद का यह स्थापना दिवस समारोह एकजुटता, आस्था और राष्ट्रप्रेम के संकल्प का एक शक्तिशाली मंच साबित हुआ।