Vice President Election Result Declared: सी. पी. राधाकृष्णन बने देश के नए उपराष्ट्रपति

Aanchalik Khabre
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Vice President Election Result Declared

Vice President Election Result: उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन और विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला हुआ। मतदान सुबह 10 बजे शुरू हुआ और शाम 5 बजे तक चला। मतगणना शाम 6 बजे से आरंभ की गई। यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि उपराष्ट्रपति का पद राज्यसभा की कार्यवाही में निर्णायक भूमिका निभाता है।

सी. पी. राधाकृष्णन की बड़ी जीत

मतगणना के परिणामों में स्पष्टता दिखी और एनडीए के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन ने भारी मतों से जीत हासिल की। उन्हें कुल 452 वोट प्राप्त हुए, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को केवल 300 वोट ही मिले। राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल पी. सी. मोदी ने औपचारिक रूप से नतीजों की घोषणा की। इस नतीजे के साथ ही सी. पी. राधाकृष्णन भारत के नए उपराष्ट्रपति बन गए हैं।

क्रॉस वोटिंग ने बदला समीकरण

इस चुनाव में भाजपा और एनडीए के लिए बड़ी जीत रही, क्योंकि कई सीटों पर क्रॉस वोटिंग देखने को मिली। पार्टी के नेता इसे अपनी राजनीतिक मजबूती का प्रमाण मान रहे हैं। वहीं, विपक्ष के लिए यह चुनाव चुनौतीपूर्ण रहा, क्योंकि उनका उम्मीदवार अपेक्षित समर्थन नहीं जुटा सका। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग का प्रभाव काफी अहम होता है और इस बार भी इसका असर साफ देखा गया।

उपराष्ट्रपति का कर्तव्य और जिम्मेदारियाँ

उपराष्ट्रपति बनने के साथ ही सी. पी. राधाकृष्णन अब राज्यसभा की कार्यवाही में अध्यक्ष की भूमिका निभाएंगे और उन्हें सत्रों के दौरान निर्णायक निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त होगा। उनका कार्यकाल देश की राजनीति और विधायिका के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विपक्ष के नेताओं ने भी नतीजे को स्वीकार करते हुए लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सराहना की।

राजनीति में नए समीकरण

देशवासियों के लिए यह चुनाव इस बात का संकेत है कि राजनीतिक समीकरण लगातार बदल रहे हैं। नए उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन की जीत से एनडीए को न केवल शक्ति संतुलन में बढ़त मिली है, बल्कि आने वाले समय में उनकी भूमिका राज्यसभा में महत्वपूर्ण ठहर सकती है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि राधाकृष्णन के नेतृत्व में राज्यसभा की कार्यवाही और अधिक संगठित और प्रभावशाली हो सकती है।

 

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