विरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन: झाँसी की ऐतिहासिक धरोहर और आधुनिक पहचान”

Aanchalik Khabre
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विरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन

{झाँसी जंक्शन (विरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन)}

झाँसी जंक्शन, जिसे अब विरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन कहा जाता है, उत्तर प्रदेश के झाँसी शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यह उत्तर मध्य रेलवे के झाँसी मंडल का मुख्यालय है और उत्तर भारत के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है। इस स्टेशन की स्थापना 1880 में ब्रिटिश काल में हुई थी। इसकी वास्तुकला किले जैसी भव्य शैली में बनी है और लाल-सफेद रंग संयोजन इसे विशेष पहचान देता है। 2022 में, स्टेशन का नाम बदलकर रानी लक्ष्मीबाई के साहस और बलिदान की याद में “विरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन” कर दिया गया।

यह स्टेशन देश के प्रमुख रेल मार्गों से जुड़ा हुआ है और प्रतिदिन 150 से अधिक ट्रेनों का आवागमन होता है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, लखनऊ, भोपाल, आगरा और कानपुर जैसे बड़े शहरों के लिए यहाँ से सीधी ट्रेन सेवाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ से गतिमान एक्सप्रेस, ताज एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति, शताब्दी और राजधानी जैसी सुपरफास्ट ट्रेनें गुजरती हैं। स्टेशन पर वर्तमान में 8 प्लेटफॉर्म हैं जिन्हें बढ़ाकर 10-11 करने की योजना है।

यात्रियों की सुविधाओं के लिए स्टेशन पर वाइ-फाई, एसी और नॉन-एसी प्रतीक्षालय, रेस्टोरेंट, साइबर कैफे, क्लॉक रूम, टूरिस्ट सूचना केंद्र और पार्किंग जैसी सेवाएँ उपलब्ध हैं। एक शॉपिंग मॉल का निर्माण भी यहाँ हो रहा है। यह स्टेशन न केवल बुंदेलखंड क्षेत्र का मुख्य रेल केंद्र है, बल्कि देश के सबसे महत्वपूर्ण रेलवे हब में से एक माना जाता है।

 

झांसी रेलवे स्टेशन पर बंद पड़ी लिफ्ट और एक्सीलेटर: बुजुर्ग यात्रियों की मुश्किलें, पूर्व मंत्री का बड़ा आरोप!

झांसी। झांसी रेलवे स्टेशन इन दिनों यात्रियों की असुविधाओं और गंदगी के कारण सुर्खियों में है। वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन (पूर्व में झांसी जंक्शन) पर साफ-सफाई और सुविधाओं की भारी कमी यात्रियों को परेशान कर रही है। स्टेशन परिसर में रेलवे स्टेशन पर गंदगी का अम्बार साफ देखा जा सकता है। इसके साथ ही तेज बरसात के कारण लिफ्ट और एक्सीलेटर बंद पड़े हुए हैं, जिससे बुजुर्ग महिला और पुरुष यात्रियों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म तक जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं, जिन यात्रियों के पास भारी सामान होता है, वे इस समस्या से और भी ज्यादा परेशान हो जाते हैं। कई बुजुर्ग यात्री तो सीढ़ियां चढ़ते समय हांपने और थकने पर मजबूर हो जाते हैं।

गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य अपने समर्थकों के साथ झांसी रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां उन्होंने यात्रियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने कहा कि झांसी रेलवे स्टेशन पर एक्सीलेटर और लिफ्ट बंद पड़े हुए हैं, और यह सीधे तौर पर प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार का परिणाम है। पूर्व मंत्री का कहना था कि बारिश के मौसम में जब पानी भरने से लिफ्ट और एक्सीलेटर काम करना बंद कर देते हैं, तब रेलवे प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वे इन्हें तुरंत साफ कर चालू कराएं। लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जिससे बुजुर्ग यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

 

स्टेशन सुविधाएं भ्रष्टाचार की भेंट:

प्रदीप जैन आदित्य ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि झांसी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को मिलने वाली अधिकांश सुविधाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे प्रशासन ने एक्सीलेटर और लिफ्ट जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं के रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया। बारिश के मौसम में इन मशीनों में पानी भर गया और इन्हें ठीक करने की जिम्मेदारी किसी ने नहीं समझी। उन्होंने कहा कि यह स्थिति दर्शाती है कि प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की वजह से यात्रियों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं।

पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि झांसी रेलवे स्टेशन पर साफ-सफाई की व्यवस्था भी पूरी तरह बिगड़ चुकी है। स्टेशन परिसर और प्लेटफॉर्म पर गंदगी का जमाव यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। यात्रियों का कहना है कि इस गंदगी के कारण न केवल स्टेशन की छवि धूमिल हो रही है बल्कि यात्रियों की सेहत पर भी असर पड़ सकता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि रेलवे को अपनी सफाई व्यवस्था पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और रेलवे स्टेशन पर गंदगी के मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए।

बारिश से खराब हुई व्यवस्था:

हाल की तेज बरसात ने झांसी रेलवे स्टेशन बारिश से खराबी की स्थिति को और बिगाड़ दिया। बारिश के कारण प्लेटफॉर्म के कई हिस्सों में पानी भर गया। इससे न केवल यात्रियों की आवाजाही बाधित हुई, बल्कि लिफ्ट और एक्सीलेटर भी काम करना बंद कर गए। बुजुर्ग यात्री, महिलाएं और बच्चे प्लेटफॉर्म के बीच सीढ़ियों पर चढ़ते-उतरते दिखाई दिए। कई यात्री शिकायत करते नजर आए कि भारी बारिश में जब लिफ्ट और एक्सीलेटर जैसी सुविधाएं बंद हो जाती हैं, तो उनकी ट्रेन छूटने की नौबत आ जाती है।

बुजुर्गों के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं:

पूर्व मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने यह मुद्दा भी उठाया कि बुजुर्गों के लिए रेलवे में सुविधा नहीं है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों और दिव्यांग यात्रियों के लिए लिफ्ट और एक्सीलेटर की सुविधाएं महत्वपूर्ण होती हैं। लेकिन जब ये सुविधाएं काम नहीं करतीं, तो उन्हें काफी परेशानी होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे प्रशासन यात्रियों की वास्तविक समस्याओं को नजरअंदाज कर रहा है।

 

पूर्व मंत्री ने मीडिया से कहा कि बुजुर्ग यात्रियों को सीढ़ियां चढ़ने और उतरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई यात्री सीढ़ियां चढ़ते समय गिरते-फिसलते भी नजर आए। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए रेलवे को तुरंत लिफ्ट और एक्सीलेटर को चालू करवाना चाहिए।

प्लेटफॉर्म लिफ्ट की खराब और यात्रियों की परेशानी:

प्लेटफॉर्म लिफ्ट खराब होने के कारण यात्रियों को न केवल असुविधा हो रही है, बल्कि समय पर प्लेटफॉर्म बदलने में भी दिक्कतें आ रही हैं। भारी बारिश में बुजुर्ग यात्रियों को सीढ़ियां चढ़ने में 10-15 मिनट लग रहे हैं। वहीं, भारी बैग्स और लगेज के साथ सीढ़ियों पर चढ़ना-उतरना कई यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।

पूर्व मंत्री की मांग:

प्रदीप जैन आदित्य ने स्टेशन प्रबंधक से मुलाकात की और स्थिति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि झांसी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं में सुधार करना जरूरी है। उन्होंने मांग की कि एक्सीलेटर और लिफ्ट को जल्द से जल्द साफ करवाकर चालू किया जाए। इसके अलावा, गंदगी साफ करने और बारिश में पानी निकासी की व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए जाएं।

रेलवे प्रशासन पर सवाल:

पूर्व मंत्री ने कहा कि जब लाखों रुपये रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण पर खर्च किए जा रहे हैं, तब यह समझ से बाहर है कि सुविधाओं का रखरखाव क्यों नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि रेलवे प्रशासन को इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:

स्टेशन पर मौजूद कई स्थानीय लोगों और यात्रियों ने भी पूर्व मंत्री की बात का समर्थन किया। उनका कहना था कि झांसी रेलवे स्टेशन का नाम तो बदल दिया गया, लेकिन सुविधाओं में सुधार नहीं हुआ। यात्रियों का कहना था कि आधुनिक सुविधाओं का होना केवल नाम मात्र की बात रह गई है।

अंत:

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य की इस शिकायत ने झांसी रेलवे स्टेशन की वास्तविक स्थिति को उजागर कर दिया है। बारिश के चलते लिफ्ट और एक्सीलेटर का बंद होना, स्टेशन पर गंदगी का अम्बार और यात्रियों की परेशानी इस बात का प्रमाण है कि स्टेशन प्रबंधन को अपनी जिम्मेदारियों को और गंभीरता से निभाने की जरूरत है। यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता में रखते हुए, रेलवे को तुरंत लिफ्ट और एक्सीलेटर को चालू करवाना चाहिए और रेलवे स्टेशन पर गंदगी को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

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