विरार में 3047 गणेश मूर्तियों का शांतिपूर्ण विसर्जन, कृत्रिम तालाबों में 79% विसर्जन संपन्न

Aanchalik Khabre
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गणेश मूर्तियों का शांतिपूर्ण विसर्जन

विरार गणेश विसर्जन 2025 शनिवार, 6 सितंबर को वसई-विरार महानगरपालिका क्षेत्र में अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। भक्तिमय माहौल में कुल 3047 गणेश मूर्तियों का विसर्जन किया गया, जिसमें 2623 घरेलू मूर्तियाँ और 424 सार्वजनिक मूर्तियाँ शामिल थीं। खास बात यह रही कि इनमें से 2154 मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम तालाबों में किया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिला।


गणेश विसर्जन 2025: श्रद्धा और अनुशासन का संगम

गणेशोत्सव महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान है और हर साल की तरह इस बार भी वसई-विरार में गणेश विसर्जन का आयोजन भक्तिपूर्ण और शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ।
लोग सुबह से ही गणपति बप्पा की आराधना और शोभायात्रा में शामिल हुए और शाम तक पूरे इलाके में गूंजता रहा – “गणपति बप्पा मोरया, पुडच्या वर्षी लवकर या!”


प्रशासन की कड़ी निगरानी और विशेष व्यवस्थाएँ

वसई-विरार महानगरपालिका के आयुक्त मनोजकुमार सूर्यवंशी (भा.प्र.से.) के मार्गदर्शन में प्रशासन ने विसर्जन स्थलों पर व्यापक इंतज़ाम किए थे।

  • कुल 116 कृत्रिम तालाब,

  • 6 जेटी,

  • 2 पत्थर खदान स्थल,

  • और 18 चलित टैंक की व्यवस्था की गई।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पंडाल, आरती स्थल, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, मूर्ति संग्रह केंद्र, निर्माल्य कलश और मुफ्त बस सेवा उपलब्ध कराई गई।


सुरक्षा और निगरानी के पुख्ता इंतज़ाम

गणेश विसर्जन के दौरान 3500 से अधिक कर्मचारी, पुलिस बल, फायर ब्रिगेड और सुरक्षा दल की तैनाती रही।
पूरे क्षेत्र में CCTV निगरानी की विशेष व्यवस्था की गई ताकि विसर्जन के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था या दुर्घटना न हो।


पर्यावरण संरक्षण पर जोर: कृत्रिम तालाबों में विसर्जन

इस बार वसई-विरार में पर्यावरण बचाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया।

  • पूरे गणेशोत्सव के दौरान 32,877 गणेश मूर्तियों का विसर्जन हुआ।

  • इनमें से 79% मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम तालाबों में किया गया।

यह पहल न केवल प्राकृतिक जलस्रोतों को सुरक्षित रखने में मददगार है, बल्कि प्रदूषण कम करने का भी बड़ा उदाहरण है।


निर्माल्य से खाद बनाने की पहल

विसर्जन के दौरान एक और सराहनीय पहल की गई। महिला बचत समूहों की मदद से विसर्जन स्थलों पर एकत्रित निर्माल्य (फूल और पूजा सामग्री) से खाद बनाने का कार्य शुरू किया गया। यह कदम कचरा प्रबंधन और स्वच्छता की दिशा में अहम योगदान देगा।


नागरिकों और गणेश मंडलों का योगदान

इस साल गणेश विसर्जन को सुचारू रूप से सम्पन्न कराने में नागरिकों, गणेश मंडलों, स्वयंसेवकों और पत्रकारों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।
महानगरपालिका आयुक्त ने सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि समाज के सहयोग से ही इतनी बड़ी व्यवस्था को सफल बनाया जा सका।

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