मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की छवि खराब करने में शासकीय अस्पताल के डॉक्टर प्राइवेट अस्पताल में दे रहे सर्विस
विधानसभा क्षेत्र की जनता को सर्वसुविधा युक्त, स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने में लगे हुए है। लेकिन शासकीय अस्पताल में, पदस्थ डॉक्टर प्रदेश के मुखिया के विधानसभा क्षेत्र की, जनता की सेवा तो दूर,अपने केविन में बैठने की जगह,निजी हेमोटैप अस्पताल में सेवा दे रही है।
मामला नसरुल्लागंज के सिविल अस्पताल में पदस्थ, दातों के डॉक्टर फराह दीबा का है,जो एक निजी हेमोटैप अस्पताल में, अपनी सेवाएं देने को लेकर, नगरवासियो द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं।
वही नसरुल्लागंज निवासी हेमंत सोनी ने बताया कि, मेरे द्वारा अपनी पत्नी को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, और पर्ची कटवाई, जब डॉक्टर मैडम से मिलने पहुंचे तो, उन्होंने अस्पताल में सुविधाएं नहीं होने का बहाना करते हुए, शाम को निजी अस्पताल हेमोटैप में आने का बोला, जबकि श्री सोनी का कहना है कि, मेरे द्वारा डॉक्टर मैडम से वही उपचार करने का आग्रह भी किया, लेकिन उन्होंने मेरी बात को अनसुना करते हुए, शाम को निजी अस्पताल में आने की बात कहती रही, जिसके बाद में शाम को निजी अस्पताल हेमोटैप पहुंचा, जहां मुझसे 200 की पर्ची कटवाने को कहा, और मेरे द्वारा 200 की पर्ची ली गई।
जिसके बाद डॉक्टर मैडम द्वारा, मेरी पत्नी का इलाज किया, जिसमें मात्र एक कट्टर से छोटा सा तार जो, मेरी पत्नी के दातों में कशा था,उसे कांटा जिसके उपरांत मुझसे 250 फिर लिए गए। वही श्री सोनी ने बताया कि, मात्र तार काटने के मेरे 450 लग गए।जोकि सिविल अस्पताल में मात्र₹10 में किया जाना था।
वही उनका कहना है कि, मुख्यमंत्री द्वारा सिविल अस्पताल में कई सुविधाएं दी गई हैं, लेकिन उसके बाद भी, सिविल अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर पर्ची अस्पताल से कटवाने के बाद, निजी अस्पताल में दिखाने या, निजी पैथोलॉजी में जांच कराने की बात कहते नजर आते हैं,जबकि प्रशासन द्वारा अस्पताल में सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई है।
वही देखा जाए तो, निजी हेमोटैप अस्पताल द्वारा डॉक्टर मैडम का नाम भी, अपने सूचना पटल पर बाकायदा अंकित किया हुआ है, जिससे साफ स्पष्ट होता है कि, सिविल अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर निजी अस्पताल में भी अपनी सेवाएं दे रही हैं।
वही इस पूरे मामले में, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर द्वारा जांच कर, कार्रवाई करने की बात कही है
डॉक्टर मनीष सारास्वत, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर का कहना है कि,अभी-अभी मेरे संज्ञान में मामला आया है, अगर आरोप सिद्ध हुए तो, निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी. पीड़ित ने 181 पर शिकायत भी की थी उसका भी स्पष्टीकरण ले लिया है.