अश्विनी श्रीवास्तव
चित्रकूट। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के हजारों मजदूर परिवार विशेष रूप से चित्रकूट तथा बांदा जनपदों के रोजी-रोटी की तलाश में विभिन्न राज्यों में प्रवास के लिए मजबूर है। लोग घरों में ताला लगाकर पूरे परिवार सहित विशेष रूप से पंजाब, राजस्थान, हरियाणा के ईंट-भट्ठों में काम करने जाते है और ठेकेदारों तथा भट्ठा मालिकों की आपसी मिली-भगत का शिकार हो जाते हैं। ऐसे ही 6 परिवार जो की बाँदा जनपद के अटरहत तथा चित्रकूट जनपद के छपरा व वीरा गाँव के मजदूर जो कि हरियाणा के भिवानी जनपद में बांके विहारी भट्ठा में 6 महीने पहले काम करने के लिए गए थे, परन्तु कार्यस्थल पर न ही उनके रहने की व्यवस्था थी और न ही खाने पीने की, वहां पर मजदूरों को काम भी नहीं दिया जा रहा था। जिससे उनके खर्च लगातार बढ़ रहे थे और पैसा उनके पास बचा नहीं था। पैसा या अन्य सामान माँगने पर भट्ठा मालिक तथा ठेकेदार गाली-गलौज तथा मारपीट करते थे। साथ ही जान से मार देने की धमकी देते थे। अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान के टोल-फ्री नम्बर पर मजदूरों ने इस घटना की जानकारी दी। संस्थान टीम ने बंधुआ मुक्ति मोर्चा, दिल्ली में संपर्क कर घटना की जानकारी दी। बंधुआ मुक्ति मोर्चा तथा जिला प्रशासन भिवानी के संयुक्त प्रयास से मजदूरों को मुक्त कराकर उनके गृह जनपदों बाँदा व चित्रकूट भेजा गया। रास्ते में मजदूरों को ठेकेदार तथा भट्ठा मालिक की ओर से लगातार धमकियां मिल रही थी। जिससे मजदूर काफी डरे हुए थे। अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान की टीम, चित्रकूट जनपद के भरतकूप में जाकर मजदूरों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि यहाँ आपको कुछ नहीं होगा। संस्थान टीम मजदूरों के साथ रानीपुर भट्ट स्थित संस्थान कार्यालय पहुंचे तथा भोजन आदि कराने के बाद प्रत्येक परिवार को उनके परिवारों सहित घर छोड़ा। अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान गत 2 वर्षों से बंधुआ तथा प्रवासी परिवारों के पुनर्वास के लिए पूर्ण समर्पण के साथ काम कर रहा है। कार्यक्रम के अन्तर्गत मुख्य रूप से मजदूरों का दस्तावेजीकरण, उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ना, उनके बच्चों को शिक्षा से जोड़ना, मजदूरों के बीच विधिक जानकारी साझा करना, नेतृत्व क्षमता का विकास करना तथा उन्हें आजीविका से जोड़ना है।
ठेकेदारों तथा भट्ठा मालिकों की आपसी मिली-भगत से दम तोड़ रहे मजदूर परिवार

Leave a Comment Leave a Comment