दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और अब यह खतरे के निशान को पार कर चुका है। इस वजह से राजधानी के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घरों और सड़कों में घुस गया है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम अलर्ट मोड पर हैं, जबकि स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है।
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
मौसम विभाग और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, यमुना नदी का जलस्तर 207.5 मीटर के पार चला गया है। यह सामान्य से कहीं अधिक है और इस वजह से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। पानी के बढ़ते स्तर से निचले इलाकों में रहने वाले हजारों परिवार प्रभावित हो चुके हैं।
निचले इलाकों में बाढ़ का पानी
यमुना किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का पानी घरों के भीतर घुस गया है। कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है और राहत शिविर बनाए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हो रही है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
यातायात और रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित
बाढ़ के कारण दिल्ली की सड़कों पर जाम की स्थिति देखने को मिल रही है। कई प्रमुख मार्गों को प्रशासन ने बंद कर दिया है ताकि हादसों से बचा जा सके। आम लोगों की आवाजाही पर भी इसका असर पड़ा है। दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों और स्कूल जाने वाले बच्चों को सबसे ज्यादा दिक्कत झेलनी पड़ रही है।
प्रशासन ने जारी की चेतावनी
दिल्ली सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की अपील की है। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और आपदा प्रबंधन टीमों को तैनात किया गया है। साथ ही, सरकार ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि लोग जरूरत पड़ने पर तुरंत सहायता ले सकें।
किसानों और व्यापारियों पर असर
यमुना के किनारे खेती करने वाले किसानों की फसलें जलमग्न हो गई हैं। इससे भारी आर्थिक नुकसान की आशंका है। वहीं, स्थानीय बाजारों में भी बाढ़ का असर दिख रहा है, क्योंकि कई दुकानें पानी में डूब गई हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। इससे यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है और दिल्ली में हालात और गंभीर हो सकते हैं।
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