भाजपा चिल्ला-चिल्लाकर कहती आयी कि कश्मीर में स्थिति सामान्य हो गयी, फिर राज्य बहाली क्यों नहीं-आँचलिक ख़बरें-एसजेड मलिक

News Desk
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जम्मू-काश्मीर – जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष प्रो. भीम सिंह ने भारत सरकार पर संसद में शोर मचाने पर सवाल उठाया है कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति वापस आने पर जम्मू-कश्मीर का राज्य दर्जा बहाल किया जाएगा। दूसरी ओर, सड़कों से संसद तक भाजपा नेतृत्व जोर-जोर से ढोल पीट रहा है कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सुधार हुआ है और उग्रवाद में भी गिरावट आई है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व अन्य भाजपा नेताओं के हवाले से सुर्खियों में रहा है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति पहले की तुलना में अधिक सामान्य हो रही है। पैंथर्स सुप्रीमो ने भाजपा नेतृत्व से सवाल किया कि क्या सामान्य स्थिति बहाल हो गई है या तथाकथित सामान्य स्थिति बहाल होने तक जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने का कोई अवसर नहीं है।
उन्होंने कहा कि 5 अगस्त, 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर में स्थिति अधिक शांतिपूर्ण थी और लोग सड़कों पर चल सकते थे। अगर संचार या परिवहन में कोई समस्या थी, तो वह कोविड-19 महामारी के कारण थी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति 5 अगस्त से पहले की तुलना में बहुत खराब हो गई है। उन्होंने भारत के लोगों को यह बताने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी से सवाल किया कि 5 अगस्त से पहले की तुलना में राज्य की स्थिति कैसी थी और आज कैसे हैै? इसके अलावा, हम जम्मू-कश्मीर के निवासी, विशेषरूप से सभी राजनीतिक कार्यकर्ता यह जानना चाहेंगे कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य का दर्जा खत्म किये जाने के बाद कितने और किस कारण से निर्दाेष लोग मारे गए?
उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि संसद में विपक्षी राजनीतिक दलों के सदस्यों को इन मुद्दों को उठाना चाहिए और सरकार से पूछना चाहिए था कि कितने लोग सड़कों पर आतंकवादियों द्वारा मारे गए हैं और कितने शैक्षणिक संस्थान जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे हैं और बीते कल के हालात कैसे थे और आज कैसे हैं? उन्होंने इच्छा जतायी कि यदि वे सांसद होते तो सत्ताधारी दल सांसदों से यह प्रश्न पूछते कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा खत्म किये जाने के बाद कश्मीर में कितने निर्दाेष लोग मारे गए हैं। कितने लोग, ज्यादातर बेरोजगार इंजीनियर, डॉक्टर और शिक्षित युवा, जिले से लेकर राज्य स्तर तक सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और जम्मू-कश्मीर में उन्हें नौकरी न देने का क्या कारण है, जबकि जम्मू-कश्मीर के लगभग हर विभाग में दिल्ली से टनों पैसा बरस रहा है? कितने युवा जेलों में भूखे मर रहे हैं और उनमें से कितने को नौकरी दी गई है, जबकि जम्मू-कश्मीर में लगभग हर विभाग में हजारों पद खाली हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हर जगह राजनीतिक अराजकता है, कानून का शासन नहीं है और केवल विरोध व अराजकता है। स्वाभाविक रूप से, क्योंकि कोई सरकार नहीं है और इस स्थिति में कानून के शासन की उम्मीद नहीं की जा सकती है। यह है एक नजारा केन्द्र सरकार का।
उन्होंने भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से अपील की कि वे मोदी सरकार को जम्मू-कश्मीर में कठोर शासन को वापस लेकर यहां विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दें और कुछ ही घंटों में शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। सरकार ने अपने बयान में कहा है कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल होने के बाद राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। प्रो. भीमसिंह ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के 200 साल पुराने राज्य का दर्जा बहाल करने से पूरे जम्मू-कश्मीर में घंटों के भीतर शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।

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